26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रगति मैदान के लाल चैक में उत्तराखण्ड दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ करते हुएः मुख्यमंत्री श्री रावत

उत्तराखंड
नई दिल्ली/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रगति मैदान के लाल चैक में उत्तराखण्ड दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि हम सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे है, और उत्तराखण्ड की संस्कृति को देश व दुनिया में प्रचारित करने के लिए कलैण्डर बना रहे है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है और इस धरोहर को आगे बढ़ाने के लिये कार्य किये जा रहे है।

मुख्यमंत्री श्री रावत कहा कि मकर संक्रांति और फूलदेही त्यौहार को व्यापाक स्तर पर मनाया जायेगा। ढोल को राज्य वाद्य का दर्जा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जागर लगाने वालों को पेंशन देने का निर्णय लिया गया है और लोक कलाकारों के लिये भी पेंशन शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्डियों से अनुरोध किया कि वे अपने गांवों के विकास के लिये आगे आये और राज्य के विकास में भागीदार बनें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे पास अद्भूत पर्यटन स्थल है और हम इन पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये कार्य कर रहे है। शिक्षा और कृृषि के क्षेत्र में भी हमने अनेक योजनाएं शुरू की है। तथा हस्तशिल्प को प्रोत्साहित कर रहे है। पारंपरिक खेती जैसे मंडुवा, झंगौराा को हमने प्रमुख मैन्यु में शामिल किया है और सरकारी कैन्टीनों व होटलों में भी अब झंगौरें की खीर परोसी जा रही है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड पैवेलियन का भ्रमण कर मेले में प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों उत्साहवर्द्धन करते हुए राज्य के उद्यमियों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विपणन के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में तेजी से हो रहे अवस्थापना विकास की प्रगति से उद्यमियों को अवगत कराते हुए राज्य में अधिक से अधिक निवेश की अपील की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत ‘मेक इन उत्तराखण्ड’ कार्यक्रम को सफल बनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड निवेश के दृष्टिकोण से सर्वाधिक सुरक्षित तथा भविष्य में मुनाफे का सौदा है।
प्रगति मैदान के हाॅल न.-06 में संचालित उत्तराखण्ड पैवेलियन में इस वर्ष आईआईटीएफ की थीम ‘मेक इन इंडियां’ के अनुरूप प्रदेश में विनिर्माणक एवं सहायक क्षेत्रों जैसे की औद्योगिक अवस्थापना, कौशल विकास तथा ऊर्जा क्षेत्र को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। व्यापार मेले में उत्तराखण्ड को ‘एजुकेशन हब’ के रूप में प्रदर्शित करने का भी प्रयास किया गया है। थीम के अनुरूप सिडकुल द्वारा विकसित आधुनिकतम स्वीकृत औद्योगिक आस्थानों तथा वर्तमान में विकसित किये जा रहे अवस्थापना सुविधाओं का चित्रण किया गया है। प्रदेश में राज्य गठन के बाद तीव्र औद्योगिक विकास हुआ है और यहां देश विदेश के लगभग सभी प्रमुख उद्योग समूहों की ईकाईयां स्थापित हैं।
 इस वर्ष मेले में मुख्य आकर्षण उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प, वस्त्र उत्पाद तथा खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद रहे हैं। इन उत्पादों की न सिर्फ अच्छी बिक्री हुई है बल्कि इन इकाइयों को कनाडा, यूएसए, वियतनाम तथा इंग्लैण्ड से आपूर्ति आदेश भी मिले है। इसके अलावा उत्तराखण्ड से सिडकुल, कृषि एवं जैविक बोर्ड, खादी बोर्ड, उद्यान एवं वन विभाग, पर्यटन, कौशल विकास, ऊर्जा, उरेडा के भी स्टाॅल लगाए गए हैं। मेले में राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण तथा उद्योग क्षेत्र के कुल 90 उद्यमियों द्वारा प्रतिभाग किया गया है।
इस वर्ष मेले का मुख्य आकर्षण उत्तराखण्ड के 15 विकास खण्डों में वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से चलाई जा रही एकीकृत हस्तशिल्प विकास योजना के अंतर्गत कुशल डिजाइनरों द्वारा गांवों में ही शिल्पियों के माध्यम में विकसित किये गये उत्पाद हैं। इन उत्पदों को जनता के रूझान तथा बाजार की मांग के अनुरूप विकसित करने के लिए प्रदर्शित किया गया है। शीघ्र ही इन उत्पादों की प्रदर्शनी देश के अन्य राज्यों में तथा देश के बाहर भी आयोजित की जाएगी, ताकि राज्य के शिल्प को निर्यात के समुचित अवसर उपलब्ध कराए जा सकें।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More