केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान सोसाइटी की एक बैठक की अध्यक्षता की। बाहरी स्थान (आउटस्टेशन) के सदस्यों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया। बैठक के एजेंडे में समिति की 13 मार्च2020 को हुई पिछली बैठक में सरकार की भारतीय धरोहर संस्थान (आईआईएच) की स्थापना की घोषणा से संबंधित विवरण का समर्थन शामिल था और इस अवसर पर वर्तमान राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान सोसायटी का नाम बदलकर भारतीय धरोहर संस्थान सोसायटी (आईआईएचएस) किए जाने पर भी विचार किया गया।
Union MoS (IC) Shri @prahladspatel took the virtual meeting of NMI Society to review the proposal for setting up of Indian Institute of Heritage in the presence of Secretary @MinOfCultureGoI, JS @nirupamakotru, PS @rahulsymby, @msignca and other officials of @NMIHACM. pic.twitter.com/6KFlOR2R7b
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) December 17, 2020
सदस्यों श्री के एन दीक्षित, श्री वसंत शिंदे, प्रो. अरुण मेनन, श्री डी एन त्रिपाठी और अन्य ने मंत्रालय की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन और आम बजट, 2020-21 में की गई घोषणा की तर्ज पर भारतीय धरोहर संस्थान की स्थापना की पहल का स्वागत किया।
संस्कृति मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, संस्कृति मंत्रालय के अधीन चलने वाले संस्थानों पुरातत्व संस्थान, आईजीएनसीए, राष्ट्रीय अभिलेखागार और एनआरएलसी-लखनऊ द्वारा सांस्कृतिक धरोहर और संरक्षण के क्षेत्र में शोध एवं उच्च शिक्षा देने के लिए चलाए जा रहे प्रमाण पत्रों/डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान के डिग्री पाठ्यक्रमों के साथ ही भारतीय धरोहर संस्थान के दायरे में लाया जायेगा। संस्थान कला इतिहास, संरक्षण, संग्रहालय विज्ञान, अभिलेखीय अध्ययन, पुरातत्व, निवारक संरक्षण, पुरालेख एवं मुद्रा शास्त्र, पांडुलिपि विज्ञान और संबंधित क्षेत्रों के साथ ही सेवारत कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण में एमए, पीएचडी, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी।
यह फैसला लिया गया कि सदस्य नए संस्थान की स्थापना के लिए 15 दिन के भीतर अपने सुझाव भेजेंगे, जिसके बाद संस्कृति मंत्रालय सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 और भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना के लिए प्रचलित यूजीसी के दिशा-निर्देशों के क्रम में भारतीय धरोहर संस्थान (आईआईएच) की स्थापना के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।