18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

क्‍यूएस विश्‍व रैंकिंग में भारतीय संस्‍थानों की सफलता HRD को बढ़ावा देने के लिए आरंभ किये गये रूपांतरकारी पहलों एवं प्रमुख संस्‍थानों में लगातार किये जा रहे कार्यों का परिणाम है: श्री प्रकाश जावड़ेकर

देश-विदेश

नई दिल्लीः केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाशजावड़ेकर ने कहा है कि आज जारी सर्वश्रेष्‍ठ विश्‍वविद्यालयों की क्यूएस विश्‍व रैंकिंग 2019 में दर्ज की गई भारतीय संस्थानों की सफलताएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दिशा-निर्देश एवं गतिशील नेतृत्‍व के तहत अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आरंभ किये गये रूपांतरकारी पहलों एवं प्रमुख संस्थाअनों में लगातार किये जा रहे कार्यों का परिणाम है।

श्री जावड़ेकर ने एक वक्‍तव्‍य में कहा, ‘भारत के सर्वाधिक विख्‍यात संस्‍थानों द्वारा दर्ज किया गया सकारात्‍मक प्रदर्शन देश की उच्‍चतर शिक्षा प्रणाली के लिए एक सफल वर्ष का सूचक है। भारत के 24 विश्‍वविद्यालय इसमें शामिल हैं, जिनमें 7 ने अपने रैंक में सुधार किया है, 9 की रैंकिंग स्थिर रही हैं तथा 5 को नई रैंकिंग हासिल हुई है।

क्‍यूएस विश्‍व सर्वश्रेष्‍ठ विश्‍वविद्यालय रैंकिंग में 7 भारतीय संस्‍थानों को शीर्ष-500 में एकल रूप से रैंकिंग हासिल हुई है, जबकि‍ पिछले वर्ष यह संख्‍या 6 थी। भारतीय विज्ञान संस्‍थान (आईआईएससी) बेंगलूरू 20 स्‍थानों की प्रगति के साथ 170वें स्‍थान पर पहुंच गया है; भारत के रैंकिंग प्राप्‍त 24 विश्‍वविद्यालयों में से 17 ने शैक्षणिक ख्‍याति के लिए अपने रैंक में सुधार किया है, जबकि 13 विश्‍वविद्यालयों ने नियोक्‍ता ख्‍याति के लिए अपने रैंक में सुधार किया है।

सर्वश्रेष्‍ठ विश्‍वविद्यालयों की क्यूएस विश्‍व रैंकिंग 2019 में शीर्ष-500 संस्‍थानों के बीच रैंकिंग हासिल करने वाले भारतीय संस्‍थानों को बधाई देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि, ‘यह जानना बहुत उत्‍साहवर्धक है कि भारतीय संस्‍थानों की स्थिति विश्‍व रैंकिंग में सुधर रही है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के गतिशील नेतृत्‍व के तहत उच्‍चतर शिक्षा में अनुसंधान एवं नवोन्‍मेषण को बढ़ावा देने के लिए आरंभ किये गये रूपांतरकारी पहलों का प्रत्‍यक्ष परिणाम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में हम अनुसंधान एवं नवोन्‍मेषण संस्‍कृति का और विस्‍तार सुनिश्चित करेंगे, जो भारतीय संस्‍थानों के लिए प्रतिष्‍ठा का कारण बनेंगे।

श्री जावड़ेकर ने कहा, ‘उच्‍चतर अविष्‍कार योजना-जो उद्योगों की विशिष्‍ट आवश्यकताओं के लिए आईआईटी के संकाय एवं छात्रों की टीमों द्वारा समाधान हासिल करने के लिए उद्योग-शिक्षण संस्‍थान साझीदारी है; भारतीय उच्‍चतर शिक्षण संस्‍थानों में छात्रों के लिए विशिष्‍ट विषयों में पाठ्यक्रमों के लिए भारत आने वाले जीआईएएन-विदेशी संकाय; लोगों के सामने आने वाली विभिन्‍न समस्‍याओं का डिजिटल समाधान ढूंढ़ने के लिए एक प्रतिस्‍पर्धा स्‍मार्ट इंडिया हैकथन; और 10 डोमेन में अनुसंधान एवं नवोन्‍मेषण कार्यकलापों का संवर्द्धन-इंप्रिंट; एचईएफए एवं प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्‍येतावृतियों के माध्‍यम से अनुसंधान अवसंरचना के लिए अधिक फंड -जैसी सरकार की प्रमुख पहलों के कारण भारतीय संस्‍थानों का प्रदर्शन आकाश छू रहा है, जो नवीनतम क्‍यूएस विश्‍व सर्वश्रेष्‍ठ विश्‍वविद्यालय रैंकिंग में परिलक्षित हो रहा है।’

 श्री जावड़ेकर ने आईआईएससी बेंगलूरू के संकाय एवं छात्रों को ‘प्रति संकाय सदस्‍य वर्ग अनुसंधान प्रभाव’ में विश्‍व का द्वितीय सर्वश्रेष्‍ठ रैंक हासिल करने पर बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा अनुसंधान पर बल दिये जाने तथा इसे प्रोत्‍साहित किये जाने के कारण प्रति संकाय सदस्‍य वर्ग अनुसंधान प्रभाव भारत के प्रौद्योगिकी संस्‍थानों की ताकत बन गया है।

चार आईआईटी को प्रति संकाय प्रशंसात्मक उल्लेख के लिए शीर्ष-100 स्‍कोर प्राप्‍त हुआ है। ये संस्‍थान हैं – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, रूड़की (89.5/100), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, दिल्‍ली (84.0/100), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, खड़गपुर (76.8/100) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, कानपुर  (75.6/100) ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More