लखनऊः प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को दुनिया के समक्ष प्रचारित करने, अप्रवासी भारतीयों को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने, भारत के प्रति उनके आकर्षण को स्थापित रखने, विश्व स्तर पर अप्रवासी भारतीयों का नेटवर्क बनाने, देश की प्रगति और उत्थान, उपलब्धियों के प्रति उनमें भावनात्मक लगाव रखने विशेष रुप से युवा पीढ़ी में जुड़ाव पैदा करने, विदेश में रह रहे भारतीय श्रमजीवियों की कठिनाइयां जानने और उन्हें दूर करने के लिए सार्थक कदम उठाने तथा अनिवासी भारतीयों को भारत में निवेश के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से ‘प्रवासी भारतीय दिवस‘ एक विशिष्ट सम्मेलन है।
अत्यंत गौरव का विषय है कि उत्तर प्रदेश को पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी का अवसर मिला है। वर्ष-2019 में 21 से 23 जनवरी को ‘नये भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका‘ की थीम पर वाराणसी में सम्पन्न होने वाले इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए प्रदेश सरकार तथा केन्द्र सरकार द्वारा व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं।
सर्वविदित है कि वर्ष-1915 में 09 जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे। इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना के सम्मान में ही वर्ष 2003 में पहली बार भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया गया, तब से यह सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। वाराणसी में आयोजित होने वाले भारतीय प्रवासी दिवस-2019 में प्रतिभाग करने वाले प्रवासियों को सम्मेलन से इ्तर वाराणसी में गंगा आरती दर्शन, इलाहाबाद में कुम्भ मेला भ्रमण तथा दिल्ली में 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस समारोह देखने का अवसर भी प्राप्त होगा।
यूनाइटेड नेशंस के इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फाॅर माइग्रेशन (प्दजमतदंजपवदस व्तहंदपेंजपवद वित डपहतंजपवद.प्व्ड) द्वारा जारी वैश्विक प्रवासन रिपोर्ट-2018 के अनुसार विश्व भर में विदेश जाने वाले प्रवासियों की संख्या के संदर्भ में भारत शीर्ष स्थान पर है। कुछ समय पहले तक माना जाता था कि विश्व के लगभग 160 देशों में भारतीय रहते हंै पर अभी यह संख्या बदल गई है। किसी देश में भारतीयों का न होना अपवाद ही होगा। भारत से विदेशों में रोजगार के लिए जो प्रवासन होता हैं, उसमें सबसे अधिक 30 प्रतिशत भागीदारी उत्तर प्रदेश की होती है।
प्रवासी भारतीयों को भारत से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। अपने हर विदेशी दौरे में वे वहां के प्रवासी भारतीयों से मिलकर अपनेपन की भावना का विस्तार करते हैं। केन्द्र सरकार द्वारा देश की बौद्धिक क्षमता के पलायन को भारत की आर्थिक सुदृढ़ता में बदलने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। विश्व स्तर पर प्रवासियों की तुुलना में वर्ष 2017 में भारत के प्रवासियों द्वारा सर्वाधिक धनराशि अपने देश भेजी गयी।
वर्तमान में प्रवासी भारतीय विभिन्न देशों में अपनी प्रतिभा, परिश्रम और उपलब्धियों की बदौलत सशक्त पहचान स्थापित कर चुके हैं। आज राजनीतिक स्तर पर कई देशों में भारतीय मूल के कई सांसद, मंत्री एवं अनेक जन-प्रतिनिधि सक्रिय हैं। विश्व स्तर पर भारतीयों के सशक्त होने से देश भी सशक्त होता है। भारत सरकार द्वारा प्रवासन की प्रक्रिया को सुरक्षित, व्यवस्थित, कानून-सम्मत और मानवीय बनाने के लिए संस्थागत ढांचे में निरन्तर सुधार किया जा रहा है।
प्रदेश के अप्रवासी भारतीयों एवं उनकी मातृभूमि के मध्य संबंधों को और प्रगाढ़ करने, उनकी विभिन्न समस्याओं का निवारण करने तथा प्रदेश के सर्वांगीण विकास में उनकी सहभागिता को आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा एन.आर.आई. विभाग का गठन किया गया है। विदेशांे मंे रोजगार के इच्छुक कुशल/अर्द्धकुशल कामगारों को वैध उत्प्रवासन तथा रोजगार हेतु मार्गदर्शन एवं सलाह देने के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एन.आर.आई सेल/उ0प्र0 वित्तीय निगम, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ के परिसर में प्रदेश के प्रथम प्रवासी संसाधन केन्द्र (डपहतंदज त्मेवनतबम ब्मदजमत) की स्थापना की गई है जो कि विधिवत कार्यरत है। प्रदेश का यह प्रथम प्रवासी संसाधन केन्द्र देश का पांचवां सेन्टर है, जिसका संचालन केन्द्र सरकार द्वारा चयनित संस्था मेसर्स वी.एफ.एस. ग्लोबल सर्विसेज द्वारा किया जा रहा है। इस सेन्टर से प्रदेश के ऐसे समस्त नागरिकों को जो विदेश मंे रोजगार के इच्छुक हैं अथवा विदेश में सेवारत हैं, को वांछित मार्गदर्शन एवं सलाह व्यक्तिगत रुप से दूरभाष द्वारा दी जाती है।
प्रदेश से कामगारों के सुरक्षित प्रवासन के लिए उ0प्र0 वित्तीय निगम को रिक्रूटिंग एजेन्सी के रुप में प्रमाण-पत्र जारी किया गया। इस एजेन्सी का मुख्य कार्यालय कानपुर में है तथा गाजियाबाद और मेरठ में इसके शाखा कार्यालयों से प्रदेश के कामगारों को विदेश में रोजगार दिलाने हेतु चयन प्रक्रिया का आॅनलाइन संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के एन.आर.आई. विभाग द्वारा अप्रवासी भारतीयों के हितों एवं कल्याण के पर्यवेक्षण तथा उनसे संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए वेबपोर्टल ीजजरूध्ध्नचदपतहतेण्पद का निर्माण भी किया गया।
अभी तक भारत के पढे़-लिखे नौजवानों का देश के बाहर जाकर नौकरी करना ‘बे्रन-ड्रेन‘ माना जाता था किन्तु अब अप्रवासी भारतीयों के लिए देश की नीतियों में आया लचीलापन, उनके लिए यहां निवेश के बेहतर और सहज उपलब्ध अवसरों ने इसे ‘बे्रन-गेन‘ में बदल दिया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विदेशों में तैनात भारत के हेड आॅफ मिशन्स (राजदूतों/उच्चायुक्तों) से भेंट के दौरान कहा कि राज्य की ओर विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने में विदेशों में तैनात भारतीय राजदूत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। राज्य में व्यापार एवं निवेश हेतु सुदृढ़ आधार मौजूद हैं। राज्य सरकार आज उद्यमियों को हर सम्भव सहूलियत उपलब्ध करा रही है। उद्यमियों की सुविधा के लिए सिंगल विण्डो पोर्टल को लागू किया गया है। प्रदेश में उद्यम स्थापना को सुगम बनाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की नीतियां भी बनायी गई हैं। उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। इस प्रकार यहां पर एक बड़ा बाजार भी मौजूद है, जिसका लाभ यहां पर निवेश करने वाले उद्यमियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी से भेंट करने वाले राजदूतों/उच्चायुक्तों ने उत्तर प्रदेश की विशिष्टिताओं और विस्तार की संभावनाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में रुचि प्रदर्शित की तथा अपने तैनाती वाले देशों में उ0प्र0 की ब्रांडिंग के लिए आश्वस्त भी किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जी से 27 जून, 2018 को उज्बेकिस्तान में तैनात भारतीय राजदूत श्री विनोद कुमार, मालदीव में तैनात उच्चायुक्त श्री अखिलेष मिश्रा, ओमान में तैनात राजदूत श्री इंद्रमणि पाण्डेय, ईरान में तैनात राजदूत श्री सौरभ कुमार, ब्रुनेई में तैनात उच्चायुक्त सुश्री नगमा एम. मलिक, इथोपिया में तैनात श्री अनुराग श्रीवास्तव, बोत्सवाना में तैनात उच्चायुक्त डा0 राजेश रंजन ने भेंट की थी और भेंट के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री जी से अपनी तैनाती वाले देशों में उत्तर प्रदेश के लिए उपलब्ध संभावनाओं की चर्चा भी की थी।
प्रदेश सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक प्रवासी एवं अनिवासी भारतीय ‘प्रवासी भारतीय दिवस-2019‘ में भाग लें, प्रदेश में उपलब्ध निवेश की बड़ी संभावनाओं पर विचार करें, रुचि लें और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके विस्तार में भागीदार बनें। प्रदेश सरकार आर्थिक उपार्जन बढ़ाने वाले बड़े स्रोतों पर निरन्तर विचार कर रही है। इस दृष्टि से पूंजी निवेश की वृद्धि के लिए ध्यान देना और यहां के उत्पादों को विदेशी बाजार तक पहंुचाने के प्रयास कराना, सकारात्मक परिणाम देगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने माह फरवरी में ‘यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट-2018‘ का आयोजन किया था, जिसमें लगभग 4.68 लाख करोड़ रुपये के एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हुए थे। अगले वर्ष ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट‘ का आयोजन प्रस्तावित है