लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रदेश में आगामी 03 से 06 महीनों के भीतर कम से कम 15 लाख लोगों के रोजगार सृजन की ठोस कार्य योजना बनायी जाए। उन्हांेंने इसके सम्बन्ध में विभिन्न विभागों को एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एम0एस0एम0ई0, ओ0डी0ओ0पी0, एन0आर0एल0एम0, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, कौशल विकास मिशन, खादी ग्रामोद्योग तथा मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन के कार्यों में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन के बाद रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना चुनौती है, जिसके लिए अभी से तैयारी की जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षुता (अप्रेन्टिसशिप) प्रोत्साहन योजना के तहत युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ 2500 रुपए का मासिक प्रशिक्षण भत्ता प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है। एक वर्ष में एक लाख युवाओं को यह सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना के तहत 02 लाख युवाओं को जोड़े जाने की कार्य योजना बनाए जाने की सम्भावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने रोजगार अथवा स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्वावलम्बन के लिए युवाओं को ‘युवा हब’ के माध्यम से भी ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 और ओ0डी0ओ0पी0 के तहत रोजगार सृजन की व्यापक सम्भावनाएं हैं। इनके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर निर्मित किए जाने के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रदान करते हुए सिलाई और स्वेटर मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर महिला स्वयंसेवी समूहों को रोजगार प्रदान किया जाए। इसी प्रकार, खाद्य और फल प्रसंस्करण के माध्यम से भी इन्हें रोजगार प्रदान करने की रणनीति बनायी जाए। इनमें अचार, पापड़, पत्तल आदि बनाने के कार्य शामिल किए जा सकते हैं। इनके अलावा, व्यापक स्तर पर मास्क बनाने के कार्य से भी रोजगार सृजन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खादी के क्षेत्र में सोलर चरखों का संचालन, सोलर लूम स्थापित कर व्यापक प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही, उत्कृष्ट कम्बलों के निर्माण तथा नवीन स्वरोजगार को प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने ग्राम स्तर पर काॅमन सर्विस सेण्टर को सुदृढ़ बनाते हुए इस प्लेटफाॅर्म के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापक पैमाने पर दुग्ध समितियों का गठन कर डेरी उद्योग को भी सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षण के साथ-साथ उत्पादों की गुणवत्ता और उनकी मार्केटिंग को भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिजाइनिंग और ब्राण्डिंग करते हुए उत्पादों को प्रतिस्पद्र्धा के आधार पर बाजार उपलब्ध कराए जाएं। फूलों की खेती को इत्र, धूपबत्ती, अगरबत्ती आदि बनाकर प्रोत्साहित किया जा सकता है। इसके लिए भी कार्य योजना बनायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और कौशल विकास मिशन के तहत विभिन्न ट्रेडों में व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था के निर्देश देते हुए कहा कि इनके माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होंगे। मोबाइल रिपेयरिंग के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार सृजित किया जा सकता है। यह आज की आवश्यकता है। उन्होंने पाॅलीटेक्निक, साइंस लैब्स, आई0टी0आई0 आदि के सहयोग से प्रशिक्षण दिए जाने की बात कही। उन्होंने लाॅक डाउन के बाद युवाओं को लोन मेला और रोजगार मेला लगाकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बैंकों से समन्वय बनाकर ग्राहक सेवा केन्द्रों के सम्बन्ध में भी योजना बनाए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पंचायती राज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल व श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री मनोज सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।