लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कल विधानसभा में अपना पाँचवा बजट पेश कर प्रदेश को विकास की दौड़ में सबसे आगे रखने का संकल्प
जताया है। किसानों और नौजवानों को प्राथमिकता में रहकर व्यवस्था परिवर्तन को दिशा दी है। खेद है कि विपक्ष ने बजट पर जो प्रतिक्रियायें दी हैं वे उनकी हताशा और निराशा की द्योतक है। विरोधी दल होने का मतलब यह नही होता है कि प्रदेश की प्रगति के लिए जो भी कदम उठांए जांए उन सबकी सिर्फ आलोचना ही की जाए। यह तो विपक्ष का ‘गंधारी‘ जैसा अनुकरण है जिसने दृष्टि रखते हुए भी आँखो पर पट्टी बाँध रखी थी।
समाजवादी सरकार ने पाँच साल के वादे चार साल के अन्दर पूरे किये। जो योजनाएं यहाँ कार्यान्वित हुई उनका अनुसरण करने को दूसरे राज्य भी विवश हो रहे हैं। किसान, नौजवान, पिछड़े, गरीब, कमजोर वर्ग और अल्पसंख्यक सभी इन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। रतन टाटा जैसे बड़े उद्योगपति प्रदेश में हो रहे विकास की मुक्तकंठ से प्रशंसा कर रहे हैं। क्या विपक्ष को प्रदेश में परिवर्तन का यह नया माहौल नही दिखाई दे रहा है ?
बसपा को सत्ता छिन जाने से खीझ है तो भाजपा को दूर-दूर तक सत्ता के दर्शन नही हो रहे है। कांग्रेस को तो अब दिन में भी तारे दिखाई देते हैं। इन सबकी आँखों में समाजवादी सरकार चुभती है और वे इसके जनकल्याणकारी कार्यो में भी खोट निकालने में लगे हैं। जो जमीनी हकीकत है उससे बसपा को बैर है तो भाजपा को सिर्फ सांप्रदायिकता से ही लेना देना है। किसानों और नौजवानों को समर्पित यह बजट वर्ष मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘किसान युवा वर्ष’ के रुप में घोषित है।
जो विरोधी किसानों, नौजवानों अथवा बुन्देलखण्ड के बहाने सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें एक बार मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का बजट भाषण अवश्य पढ़ लेना चाहिए। इससे उनकी तमाम भ्राँतियाँ स्वतः दूर हो जायेगी। लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका महज विरोध की ही नही होती है, उसका सकारात्मक पक्ष भी होता है। लेकिन प्रदेश के विपक्षी दल लोकलाज की भी परवाह नही करते हैं। मुख्यमंत्री जी ने प्रादेशिक असन्तुलन दूर करने की कोशिश की है और विकास को नई गति तथा नई दिशा दी है। जो झूठ का झुनझुना बजाकर जनता को भ्रमित करना चाहते हैं वे स्वयं भ्रमित है और जनता उनके बरगलाने में आने वाली नही है।