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राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में आयुष कल्याण दवाखाने और बहालीशुदा घंटाघर का उद्घाटन किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति के रूप में अपना तीसरा वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज (25 जुलाई 2015) राष्ट्रपति भवन के अनुसूची ‘बी’ क्षेत्र में आयुष कल्याण दवाखाने और बहालीशुदा घंटाघर का उद्घाटन किया।आयुष कल्याण दवाखाने के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि उनके तीन साल के कार्यकाल में राष्ट्रपति भवन की भू-सम्पत्ति में रहने वाले निवासियों के कल्याण के लिए अनेक उपायों किए गए हैं । वित्तीय समावेशी योजनाएं, स्मार्ट सिटी अवधारणा और स्वच्छ भारत अभियान आदि सरकारी कार्यक्रम शुरू किए जाने के साथ ही राष्ट्रपति भवन में लागू किये गये हैं। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने दिखा दिया है कि यह समय पर परियोजनाओं को पूरा कर सकता है और कभी कभी समय से पहले भी। राष्ट्रपति ने वहां की गयी विभिन्न पहलों में विस्तृत सहयोग के लिए सरकार और राष्ट्रपति भवन के सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।

सरकार द्वारा समग्र रूप से चिकित्सा एवं होम्योपैथी की भारतीय पद्दति द्वारा चिकित्सा और चिकित्सिय तौर तरीकों पर दिए जोर को ध्यान में रखते हुए रखते हुए राष्ट्रपति भवन में आयुष कल्याण दवाखाने (एडब्ल्यूसी) की स्थापना की गई है। यह दवाखाना राष्ट्रपति, राष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारियों और राष्ट्रपति भवन की भू-सम्पत्ति में रहने वाले निवासियों की चिकित्सिय जरूरतों को पूरा करेगा। आयुष मंत्रालय की सहायता से एडब्ल्यूसी में एक ही छत के नीचे आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी की पद्दतियों से इलाज की सुविधा होगी। राष्ट्रपति की भू-सम्पत्ति में एक जीर्णशीर्ण इमारत का जीर्णोद्धार करके उसे एडब्ल्यूसी में तब्दील कर दिया गया है। नवीकरण कार्य 30 मार्च 2015 को शुरू किया गया था और इसे 24 जुलाई 2015 को पूरा किया गया।

राष्ट्रपति भवन की भू- सम्पत्ति में अनुसूची ‘बी’ के क्षेत्र में स्थित घंटाघर 1925 में सर एडविन लुटियन द्वारा बनायी गयी धरोहर है। अतीत में इसे बैंड हाऊस के रूप में जाना और आवासीय प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। घड़ी की मरम्मत आईआईटी, दिल्ली जबकि घंटाघर की बहाली का काम आइएनटीएसीएच द्वारा किया गया है। इमारत की बहाली का काम करने से पहले इसके प्रलेखन और विश्लेषण का काम किया गया। मूल स्वरूप में बिना फेरबदल किये बहाली के दौरान किये कामों में मूल प्लास्टर का संरक्षण, कोटा पत्थर का फर्श, चौखूंटा मीनार की मरम्मत, और आग जलाने की भटटी (फॉयर प्लेसिस) की सफाई एवं रंग-रोगन आदि शामिल हैं।

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