नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में भारत के ओबस्टेट्रिक और गायनकोलॉजिकल सोसाइटी संघ और कानपुर ओबस्टेट्रिक और गायनकोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित महिलाओं के स्वास्थ्य, कल्याण और सशक्तिकरण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि इस सम्मेलन का एक सराहनीय विषय है: “उन्हें पंख दें और उड़ान भरने दें।” जब हम अपने परिवारों में अपनी बेटियों और युवा लड़कियों को बाहर निकलने की स्वतंत्रता, उनकी क्षमता का पता लगाने की आजादी देते हैं, तो वे ऊँची से ऊँची उड़ान भरती हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक अंतराल महिलाओं को दूसरों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावित करता है। समाज के कमजोर वर्गों के परिवारों और समुदायों पर उनका विशेष प्रभाव पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य देखभाल के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, कम कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाओं को बेचने और वितरित करने के लिए 3,000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। 85 लाख गर्भवती मताओं और 3.25 करोड़ बच्चों को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण कवर प्रदान किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम हाल ही में लॉन्च किया गया है। यह समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है। आयुष्मान भारत के एक हिस्से के रूप में, भारत भर में 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोले जा रहे हैं। ये विशेष रूप से मां और नवजात शिशुओं के बीच सेवाएं प्रदान करेंगे।
बाद में, राष्ट्रपति ने प्रतिभा विकास परिषद, कानपुर द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित किया और कानपुर में स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी श्री श्यामलाल परशाद की मूर्ति का अनावरण किया।
प्रतिभा विकास परिषद की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने तथा उनकी मुफ्त शिक्षा को सुविधाजनक बनाने के प्रयासों के लिए परिषद की सराहना की। उन्होंने नोट किया कि परिषद से जुड़े कई छात्र इंजीनियरिंग, चिकित्सा और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में सफल रहे हैं।