नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कर्नाटक के बेलागवी में कर्नाटक लॉ सोसाइटी एवं राजा लखमगौडा विधि महाविद्यालय के प्लैटिनम जुबली समारोहों में भाग लिया तथा उन्हें संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कानून कोई कैरियर नहीं है, यह एक आह्वान (कॉलिंग) है। यह न्याय के प्रयोजन में सहायता करने का, समाज के गरीब से गरीब व्यक्ति की मदद करने का तथा नियमों, परंपराओं एवं निष्पक्षता के अनुपालन के जरिये परिभाषित समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने का एक तंत्र है। आधारभूत विश्लेषण में अधिवक्ता और न्यायाधीश सच्चाई के ही अन्वेषक हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम प्रौद्योगिकी एवं उद्यमशीलता के युग में रहते हैं। चौथी औद्योगिक क्रांति हमारे करीब है। यह हमारे जीने और काम करने के ढंग में बदलाव ला रहा है। यह हमारे युवाओं की आकांक्षाओं को बदल रहा है। हमारे शैक्षणिक संस्थानों को नवोन्मेषण एवं उत्कृष्टता की इस खोज के साथ सुसंगत होना पड़ेगा। उन्हें 21वीं सदी के अनुकूल बनना पड़ेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि तेज प्रौद्योगिकीय विकास के बीच कानून की पढ़ाई, कानून का विकास बेहद महत्वपूर्ण है। किसी नवोन्मेषण के होने एवं समाज में इसके व्यापक अनुप्रयोग के बीच की समय अवधि बड़ी तेजी से घट रही है। यह जेनेटिक इंजीनियरिंग, बायोइथिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों में -कानून के लिए अनिगिनत चुनौतियां पेश करेगी। कानूनी व्यवसाय को तेजी से इसका प्रत्युत्तर देना पड़ेगा।