नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री गोटबाया राजपक्षे की अगवानी की। राष्ट्रपति ने उनके सम्मान में एक भोज की भी मेजबानी की।
राष्ट्रपति राजपक्षे के प्रथम भारत दौरे पर उनका स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि निकट पड़ोसी होने के नाते हमारी वृद्धि और प्रगति एक साथ जुड़ी हुई है। हमारे पड़ोस की शांति और समृद्धि में हम दोनों की साझा हिस्सेदारी है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों का अपना एक अलग स्थान है और इस दिशा में हमें प्रगति करनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को इस क्षेत्र की साझा सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे घनिष्ठ संबंध हमारी सामान्य आकांक्षाओं, एक साथ काम करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति हमारी पारस्परिक संवेदनशीलता पर निर्भर होने चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत हमेशा द्विपक्षीय संबंधों के आर्थिक स्तंभ को मजबूत करने और भारत और श्रीलंका के बीच अधिक व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के प्रति आशान्वित रहा है। भारत चाहता है कि श्रीलंका हमारी विकास गाथा का अभिन्न अंग बने। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तालमेल को देखते हुए बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास सहयोग भारत-श्रीलंका संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और यह प्रसन्नता का विषय है कि इस संबंध में लोगों के लाभ हेतू श्रीलंका के साथ उसके जुड़ाव ने इन संबंधों को मूर्त रूप दिया है। श्रीलंका की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार, भारत आपसी हित की अधिक परियोजनाएँ प्रारंभ करने के लिए तैयार है।
इसके पश्चात, राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भोज भाषण में कहा कि भारत श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को सर्वाधिक महत्व देता है। उन्होंने कहा कि हम एक स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण श्रीलंका देखना चाहते हैं, जिसमें सभी लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों। राष्ट्रपति ने कहा कि विशिष्टता और विविधता के लिए सम्मान हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की शक्ति हैं। हमारी सरकार की समावेशी विकास दृष्टि ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ भी हमारे पड़ोस तक व्याप्त है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी साझा विरासत गहरी और स्थायी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने लोगों के आपसी लाभ के लिए अपने बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने हेतु नए मार्ग खोजने की आवश्कता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ संयुक्त रूप से करने के श्रीलंका सरकार के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं।