नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में नर्सिंग कर्मियों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि नर्सें गुणवत्ता के साथ कम लागत में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अहम भूमिका निभाती हैं। विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों से जुड़ी जिम्मेदारियों को संभालने तथा व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति में नर्स समुदाय का विशेष योगदान है। आगे उन्होंने कहा कि दुनिया में देखभाल और करुणा की अत्यधिक आवश्यकता है और नर्सें वास्तव में सेवा, सुश्रुषा व करुणा की प्रतीक हैं। रोगियों और उनके परिवारों के लिए, नर्स स्वास्थ्य सेवाओं का चेहरा हैं। राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2020 को नर्स और मिड-वाइफ वर्ष घोषित किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की।
राष्ट्रपति ने कहा कि वृद्ध लोगों की अत्यधिक संख्या है, जिन्हें उचित और जरूरी वृद्धावस्था चिकित्सा व देखभाल की आवश्यकता होती है। भारत में, परिवार ही बड़ों की वृद्धावस्था में देखभाल करते हैं। हालांकि, बदलती जीवनशैली के साथ बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए पेशेवर देखभाल करने वालों की मांग बढ़ रही है। देखभाल से जुड़े इन सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षित नर्स होना जरूरी नहीं है। वृद्धावस्था चिकित्सा व देखभाल में बुनियादी प्रशिक्षण से इस प्रकार के सेवा प्रदाताओं को तैयार किया जा सकता है और यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से इन्हें लाभ प्रदान करेगा। हमारे नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान ऐसे देखभाल करने वाले लोगों के लिए लघु प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने पर विचार कर सकते हैं।