नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में आप सब का स्वागत करते हुए मुझे आपार हर्ष हो रहा है। मुझे यकीन है कि 58वां एनडीसी कोर्स आप सबके लिए उपयोगी और शिक्षाप्रद रहा है। वास्तव में यह एक बेजोड़ पाठ्यक्रम है, जिसमें सशस्त्र सेनाओं और सिविल सेवाओं के अधिकारी एक साथ हिस्सा लेते हैं। मुझे विश्वास है कि प्रतिभागियों ने शिक्षकों के साथ-साथ आपस में भी एक दूसरे से बहुत कुछ सीखा होगा। मुझे पता चला है कि इस कोर्स में 22 प्रतिभागी देशों के 25 सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।
आज वैश्विक वातावरण चुनौतीपूर्ण और गतिशील है। एक समय था जब राष्ट्र की प्रादेशिक अखंडता बनाये रखने के लिए सुरक्षा और प्रतिरक्षा एक दूसरे के पर्याय थे। आज वह स्थिति नहीं है। आज जब हम सुरक्षा की बात करते है तो उसमें आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा के साथ साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य, उभरती हुई प्रोद्योगिकियां और पर्यावरण जैसे सभी विषय सुरक्षा से संबद्ध हो गये हैं। जिस तरह से दुनिया परस्पर जुड़ती जा रही है, उसमें हमारी राष्ट्रीय सीमा से परे राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक उतार-चढ़ाव का हमारी सुरक्षा पर पहले से अधिक असर पड़ता है।
सुरक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विषयों को एक साथ रखकर समन्वित ढंग से काम करना एक बड़ी चुनौती है। भारत जैसी लोकतांत्रिक प्रणाली में इसके लिए सरकार की विभिन्न एजेंसियों और विभागों को और यहां तक कि निजी क्षेत्र को भी समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है। इसका यह अर्थ है कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं और लोक सेवकों को रक्षा सेनाओं की क्षमताओं और सोच को अवश्य समझना होगा। इसी तरह सैन्य अधिकारियों को भी संवैधानिक और प्रशासनिक फ्रेमवर्क के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।
इस दिशा में किसी भी राष्ट्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपने मानव संसाधनों का विकास कितने प्रभावकारी ढंग से करता है। इस संदर्भ में एनडीसी पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण है। इस पाठ्यक्रम में करीब 11 महीने तक सिविल और सैन्य अधिकारियों को एक साथ रहने का मौका मिला। मुझे विश्वास है कि इस दौरान प्रतिभागी अधिकारियों को अपनी विशेषज्ञता और संबद्ध नजरिया साझा करने का अवसर मिला होगा।
मुझे बताया गया है कि एनडीसी पाठ्यक्रम की अध्ययन सामग्री में छह घटक शामिल किये गये थे। इसमें शामिल सामाजिक-राजनीतिक अध्ययन भारतीय समाज और राजनीति की मुख्य विशेषताओं को व्यापक रूप से समझने का अवसर प्रदान करता है। आर्थिक सुरक्षा संबंधी अध्ययन से आपको उन सिद्धांतों और पद्धतियों को समझने में मदद मिलती है जो आर्थिक प्रवृतियों और व्यापक सुरक्षा पर उनके प्रभाव को स्पष्ट करती हैं। इस पाठ्यक्रम में शामिल तीन अन्य विषय हैं- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण, प्रोद्योगिकी और पर्यावरण सहित वैश्विक मुद्दे और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत के पड़ौसी देश।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कार्य नीतियां और संरचनाएं इस पाठ्यक्रम के अध्ययन का अंतिम लक्ष्य रहा है। मुझे विश्वास है कि इस कोर्स से आपकी जानकारी का विस्तार हुआ है जिससे आप राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य में अपनी योग्यताओं का बेहतर इस्तेमाल कर सकेंगे।
मैं एनडीसी और कोर्स के सभी प्रतिभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। हमारे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को निश्चित रूप से भारत को करीब से समझने में मदद मिली होगी।