नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी ने आज नई दिल्ली में 35वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले, आईआईटीएफ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटीएफ 2015 वैश्विक भ्रातृत्व के लिए एक आदर्श मंच प्रस्तुत करता है जो शांति और समृद्धि को बढ़ाने के लिए व्यापार संबंधों में अपने हितों को सांझा करते हैं। उन्होंने कहा कि समग्र आर्थिक विकास और सामाजिक उन्नति के लिए भारत के प्रयास बहुत से विकासशील देशों के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त कर चुके हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह समय भारत में महान अवसरों का है। भारत सरकार के द्वारा हाल में की गयी कई महत्वपूर्ण पहलों के परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं और इनसे प्रमुख क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हुआ है। आईआईटीएफ सरकार, उद्योग, शिल्पियों, हस्तशिलपियों और बुनकरों के बीच सहयोग के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित, रक्षित और संवर्धित करने का प्रयास है। आईटीपीओ ने इस वर्ष आगन्तुकों के लिए अनेक उन्नत सुविधाएं पेश की हैं। उन्होंने उन्नत साजो सामान और सुविधाओं के साथ मेले का आयोजन करने के लिए आईटीपीओ और इसकी सहायक एजेंसियों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि सार्क क्षेत्र से कंपनियों की विचारणीय भागीदारी के बारे में जानकर उन्हें विशेष तौर में प्रसन्नता हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रथम पड़ोस की नीति को ध्यान में रखते हुए हम अपने दक्षिण एशियाई पड़ोसियों पर सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं। इस संदर्भ में उन्होंन कहा कि आईआईटीएफ-2015 में भागीदार देश के रूप में अफगानिस्तान और केन्द्र बिन्दु के रूप में बांग्लादेश को देखना सुखद है। उन्होंने कहा कि आईआईटीएफ अपने आप में एक ब्रांड नाम है और दुनियाभर में इसकी मान्यता है। व्यापार उद्योग के इस वार्षिक उत्सव का उद्देश्य शेष दुनिया के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत बनाना है। विदेशी संबंधों के दायरे में, भारत सरकार ने संपूर्ण विश्व के मित्र देशों और पड़ोसियों के साथ अपने संबंधों को और अधिक दृढ़ करना प्रारंभ कर दिया है।