नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में विख्यात नागरिकों एवं संस्थानों को वृद्धजनों, विशेष रूप से निर्धन वरिष्ठ जनों के कल्याण की दिशा में किये गए उनके कार्यों के लिए राष्ट्रीय वृद्धजन पुरस्कार ‘वयोश्रेष्ठ सम्मान 2016’ प्रदान किया। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री विजय सांपला एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, सामजिक न्याय एवं अधिकारित मंत्रालय में सचिव श्रीमती अनिता अग्निहोत्री एवं कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इन पुरस्कारों को 01 अक्टूबर को पड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (आईडीओपी) समारोह के एक हिस्से के रूप में प्रदान किया गया। राष्ट्रपति महोदय ने इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय समाज में वृद्धजनों के विभिन्न राहत प्रदान करने के द्वारा एक अच्छा काम कर रहा है। मंत्रालय के प्रयासों को भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों द्वारा भी समर्थन प्राप्त हो रहा है, लेकिन यह समस्या बहुत विशाल है। हमारे देश में वरिष्ठ नागरिक, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है, की संख्या लगभग साढ़े दस करोड़ है। इनमें से 5.1 करोड़ पुरूष एवं 5.3 करोड़ महिलाएं हैं। वर्तमान अनुमानों से संकेत मिलता है कि वर्ष 2026 तक वरिष्ठ नागरिकों, पुरूष एवं महिला की संख्या क्रमश: 8.4 एवं 8.8 करोड़ अर्थात हमारी आबादी की कुल 10 प्रतिशत होगी। इसे देखते हुए वृद्ध देखभाल के लिए प्रशिक्षित श्रम बल एवं स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे की आवश्यकता बढ़ेगी। उनके अधिकारों की सुरक्षा करने एवं उनके सामाजिक समावेश और आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। वृद्ध आबादी का सामाजिक समावेश एक अपरिहार्य भाव प्रदर्शन है, जो हमारे वृद्धजनों से प्राप्त जीवन का उपहार एवं पोषण का केवल आंशिक रूप से प्रतिदान है।
श्री थावर चंद गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार वृद्धजनों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह पुरस्कार समारोह इसी दिशा में एक कदम है। ये पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सरोकार और उनका समाज में विधि सम्मत स्थान सशक्त करने के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। इन पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हैं। एकल परिवारों के उदय एवं संयुक्त परिवारों के विघटन के कारण हमारे वृद्धजनों की सामाजिक स्थिति पतन के कगार पर है। इसलिए सरकार उन्हें सुरक्षा, हिफाजत और अन्य सुविधएं प्रदान करने का प्रयास कर रही है। वृद्धजनों के लिए एक राष्ट्रीय नीति भी अंतिम चरण में है, जिसके वर्तमान वित्त वर्ष में घोषित कर दिए जाने की उम्मीद है। कई एनजीओ, स्वयं सेवी संगठन एवं राज्य सरकारें इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं। उन्होंने घोषणा की कि उनका मंत्रालय बुजुर्गों को भी दिव्यांग जनों की तरह ही आधुनिक समर्थन स्टिक्स, व्हील चेयर और हेयरिंग एड्स मुहैया कराने का प्रयास करेगा।
‘’वयोश्रेष्ठ सम्मान’’ की स्थापना सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2005 में की थी और इन्हें वर्ष 2013 में राष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रेणी में रखा गया। ये सम्मान वरिष्ठ नागरिकों विशेष तौर पर निर्धन वरिष्ठ नागरिकों की नि:स्वार्थ सराहनीय सेवा करने वाले संस्थानों और सुप्रसिद्ध वरिष्ठ नागरिकों को उनकी उत्तम सेवाओं और उपलब्धियों के सम्मान स्वरूप प्रदान किया जाता है।
वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा द्वारा 01 अक्तूबर को ‘सभी आयु के लिए एक समाज’ की थीम के रूप में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाये जाने संबंधी प्रस्ताव को पारित करने के बाद हर वर्ष 01अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। मंत्रालय द्वारा वर्ष 2005 से हर वर्ष इस दिन सुप्रसिद्ध वरिष्ठ नागरिकों और संस्थानों को वरिष्ठ नागरिकों विशेष तौर पर निर्धन वरिष्ठ नागरिकों को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के सम्मान स्वरूप वयोश्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2013 से 13 विभिन्न श्रेणियों में वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रदान किये जाते हैं और यह दूसरा वर्ष है जब ये राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जा रहे हैं।
ये पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सरोकार और उनका समाज में विधि सम्मत स्थान सशक्त करने के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही यह युवा पीढ़ी को वरिष्ठ नागरिकों के समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान को समझने का एक अवसर भी प्रदान करता है। वयोश्रेष्ठ पुरस्कारों के लिए समाज के विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों का चयन किया जाता है। पुरस्कार देशभर के किसी भी संस्था/संगठन या व्यक्ति को प्रदान किया जाता है और इसके लिए सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं से नामांकन आमंत्रित किये जाते हैं।
वर्ष 2016 के लिए पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की सूची निम्नलिखित है
राष्ट्रीय पुरस्कार की श्रेणी | संस्थान/व्यक्ति का नाम |
आयुर्वृद्धि के क्षेत्र में अनुसंधान हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान |
1. वृद्धावस्था देखभाल और अनुसंधान संगठन (जेरीकेरे), 130, रत्नाकर बाग, भुवनेश्वर
2. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहन्स) भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान, होसर रोड, बंगलूरू, कर्नाटक-560029वरिष्ठ नागरिकों और जागरूकता सृजन के लिए सेवाएं प्रदान करने हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थानआस्था वृद्धावस्था औषधी केंद्र,
1.प्रशामक देखभाल अस्पताल, आश्रय और सामाजिक
कल्याण सोसायटी, बी-52, जे-पार्क, महानगर,
लखनऊ, उत्तर प्रदेश – 226 006।
2. जनसेवा फाउंडेशन,
इंदुलाल परिसर, प्रथम तल, रुपी
बैंक के ऊपर, लाल बहादुर शास्त्री रोड, नवी पेठ,
पुणे-411 030, महाराष्ट्रवरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ जिला पंचायतजिला पंचायत, झाबुआ, मध्यप्रदेश, डीआरडीए,कलेक्ट्रेट, इंदौर-अहमदाबाद रोड, झाबुआ,मध्यप्रदेश-457 661वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकायनगर निगम, रीवा (नगर निगम, रीवा) मध्य प्रदेशमाता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम,2007 के रखरखाव और कल्याण को लागू करने और वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ राज्यकर्नाटक(दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक सशक्तिकरण विभाग)
वरिष्ठ नागरिकों की भलाई और कल्याण को प्रोत्साहन देने में सार्वजनिक क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ संगठनभिलाई इस्पात संयंत्र, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) इस्पात भवन, भिलाई,छत्तीसगढ़-490 001शतवर्षीय1. डॉ. एच. श्रीनिवासई, 102/12, श्रीनिवास अपार्टमेंट, डॉ. एच. श्रीनिवासई रोड (6 क्रॉस),मल्लेश्वरम, बंगलौर, कर्नाटक।
2. डॉ. दराम नागभूषणम, मकान सं.2-3-105,बोईवाडा, करीमनगर, तेलंगाना।
3. श्री नुरुल हुदा, दक्षिण अमोलापथ्थी, पीओ मोहनघाट, डिब्रूगढ़, असम।प्रतिष्ठित मांश्रीमती मनकाबाई अकराम यादव डाकघर रीनावी,तेह: खानपुर, जिला सांगली, महाराष्ट्र।
जीवनपर्यन्त उपलब्धि1. सुश्री उर्मिल कुमारी संस्थापक और संरक्षक
साई वृद्ध आश्रम, गांव चरूरा, पटियाला-147002,पंजाब
2. डॉ अनिल कुमार चतुर्वेदी, ए-3/305, एकता गार्डन-9, आईपी एक्सटेंशन, दिल्ली -92संरचनात्मक कला1. श्री जगन्नाथ बेहरा, गांव कटिजंगा, पोस्ट ऑफिस इरासमा, जिला जगतसिंहपुर, ओडिशा
2. श्री मोती लाल केम्मू, 5 अपना विहार,कुंजवानी, जम्मू, जम्मू और कश्मीरखेल एवं साहसिक कार्य1. डॉ (सुश्री) भगवती एम. ओझा, ओझा सर्जिकल अस्पताल, बीओआई लेन, सुभानपुरा रोड, वडोदरा,गुजरात
2. कैप्टन। (सेवानिवृत्त) गुरजीवान सिंह सिद्धूपोहला हाउस, 2155, सेक्टर 35-सी, चंडीगढ़