नई दिल्ली: इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और कहा कि आज सम्मानित इन विशिष्ट व्यक्तियों और संस्थानों ने भारत को एक पर्यटक स्थल के तौर पर प्रोत्साहित करने में सर्मपण कर अपनी उत्कृष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आज के सम्मान से पर्यटन क्षेत्र के सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा और उन्हें इस क्षेत्र के विस्तार तथा प्रगति के लिये नई उर्जा से काम करने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हम उम्मीद कर सकते है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि और लोगों की सुगम आय बढ़ने से आने वाले समय में भी पर्यटकों का आना जारी रहेगा। हमें देश में उच्च गुणवत्ता के पर्यटन के बुनियादी ढ़ांचे के विकास पर ध्यान देना चाहिए। दो पहलों- स्वच्छ दर्शन और प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) के शुभारम्भ का उद्देश्य सर्किट और धार्मिक केन्द्रों का व्यापक विकास करना है। उन्होंने ज़ोर दिया कि हमारी सुरक्षा प्रक्रियाएं और सावधानियां ऐसी होनी चाहिये कि मेहमान अपने और अपनी वस्तुओं के प्रति आश्वस्त हो सके।
राष्ट्रपति ने पर्यटन उद्योग से कहा कि इस क्षेत्र के सतत विकास के लिये वह अपनी निवेश योजनाएं हमारी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर से समझौता किये बिना बनायें। उन्होंनें कहा कि पर्यटकों और मेजबान समुदाय के बीच संपर्क से लोगों के बीच आपसी समझ,सहिष्णुता और जागरूकता बढ़ेगी। पर्यटन से देश और विदेश में आपसी सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ता है। भारत विश्व के सर्वोत्तम पर्यटन स्थलों में से एक है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें कोई संदेह नही कि हम सब मिलकर विश्व के पर्यटन नक्शे पर भारत का उचित स्थान हासिल कर सकते है।