नई दिल्ली: भारतीय आयुध निर्माणी सेवा तथा भारतीय दूरसंचार सेवा के परिवीक्षकों के एक दल ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
परिवीक्षकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने उनके चयन और नियुक्ति के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता होती है कि परिवीक्षकों ने अपनी पसंद के अनुसार लोकसेवा को अपना करियर चुना। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके विचारों और कार्यों के केंद्र में सत्यनिष्ठा, नवाचार और भारत की भावना रहनी चाहिए। अपने लक्ष्यों के प्रति निष्ठा, काम काज में नवाचार और भारत के हित की भावना उनके प्रत्येक कार्य में होनी चाहिए और यह भावना होनी चाहिए कि जरूरत होने पर सारे दायित्व निभाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय आयुध निर्माणी सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा का काम तकनीकी से जुड़ा है और इसका संबंध सार्वजनिक क्षेत्र में मैन्युफैक्चिरिंग से है। राष्ट्रीय सुरक्षा और संचार आवश्यकताओं को पूरा करने में ये दोनों सेवाएं राष्ट्रीय हित के महत्वपूर्ण कार्य करती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आयुध निर्माणी फैक्ट्रियां राष्ट्रीय सेवा में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं। आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नयन निरंतर आवश्यकता है और इस क्षेत्र में नवाचार महत्वपूर्ण है। उनका प्रयास हमारी सशस्त्र सेनाओं, आर्द्धसैनिक बलों की जरूरतों को पूरा होना चाहिए। आयुध निर्माणी क्षेत्र को सैनिकों को विश्वसनीय हथियार उपलब्ध कराना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि दूरसंचार सेवा के अधिकारियों को भारत की जनता के लिए कार्य करना चाहिए। उन्हें भारत के नागरिकों को सेवा प्रदान करने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में सुधार करना होगा।