नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम निम्नलिखित संदेश जारी किया है। अपने संदेश में राष्ट्रपति महोदय ने कहा है, ‘गांधी जयंती एक अवसर है, जब हम अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का स्मरण करते हैं, जो आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं।
गांधीजी के अहिंसा, आजादी, समानता एवं धार्मिक सहिष्णुता के आदर्शों का शाश्वत महत्व है। गांधीजी ने हमें सदभावनापूर्ण सह अस्तित्व और परस्पर सम्मान का महत्व सिखाया। उन्होंने क्षमताओं के एक दुर्लभ ज्योति पुंज का प्रदर्शन किया और दिखाया कि किस प्रकार व्यक्ति विशेष भी सामाजिक और राजनीतिक बदलाव को प्रेरित कर सकते हैं। उनका न्याय के प्रति असाधारण विश्वास था और उनमें मानवता की सेवा करने की अटूट भावना थी। उनके व्यक्तित्व की विशिष्टता मितव्ययिता और पारदर्शिता थी। गांधीजी का मानना था कि देवभक्ति के बाद स्वच्छता का ही स्थान आता है।
गांधी जयंती के अवसर पर आइए हम गांधीजी के विचारों एवं कार्यों से प्रेरणा ग्रहण करें, जिससे कि राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया जा सके। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सच्चाई, नैतिकता और आचार पर गांधीजी के विचार भारत की राष्ट्रीय चेतना का अंतरंग हिस्सा बने रहें। हमें ‘स्वच्छ’ एवं ‘समर्थ’ भारत के स्वप्नों को अर्जित करने की दिशा में सतत प्रयास करना चाहिए। आइए, हम अपने राष्ट्र पिता के सहिष्णुता और अहिंसा के सिद्धांतों को हमेशा अपने दिल और दिमाग में जीवित रखकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें।’