देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत के अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित हुई उत्तराखण्ड राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में वन्य जीवों से होने वाली मानव व पशुहानि के लिये अनुग्रह राशि को दुगना करने का निर्णय लिया गया है। अब मानव मृत्यु पर 03 लाख रूपये के स्थान पर 06 लाख रूपये, गंभीर घायल को 50 हजार रूपये के बजाय 01 लाख रूपये, अपंग होने की दशा में 02 लाख रूपये से 04 लाख रूपये, इसी प्रकार गाय व घोडें को होने वाली क्षति पर क्रमशः 30 व 80 हजार रूपये की अनुग्रह धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। इसी प्रकार कृषि क्षति पर गन्ने के लिये अब प्रति एकड़ 50 हजार रूपये, धान, गेहॅू, तिलहन के लिये 30 हजार रूपये, अन्य फसलों के लिये 16 हजार रूपये प्रति एकड़, मकान की क्षति पर कच्चे मकान के लिये 50 हजार रूपये तथा पक्के मकान के लिए एक लाख रूपये की अनुग्रह धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। अब सांप द्वारा काटे जाने पर भी अनुग्रह राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि जंगल से जुड़े गांवों के लिये सामुहिक बीमा योजना संचालित की जाय। उन्होंने वन गूजरों के विस्थापन में भी तेजी लाने, जंगली जानवरों को जंगलों में भोजन की व्यवस्था हेतु वनों में रिंगाल, बांस व फसलोें के बीजों के रोपण पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने रेलवे लाईन पर जंगली जानवरों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिये पिटकुल व रेलवे के साथ ही उत्तर-प्रदेश के अधिकारियों से वार्ता कर कार्ययोजना बनाने को कहा। इसके लिये पाथवे बनाने पर भी ध्यान दिया जाय। बैठक में प्रदेश में तितली पार्क बढ़ाने के साथ ही, उत्तराखण्ड को तितली संरक्षण राज्य बनाये जाने, वन्य जीवों के अंगों का म्यूजियम बनाने, राष्ट्रीय राजमार्ग क्षेत्रों में जंगली जानवरों के लिए कोरीडोर बनाने के साथ ही संरक्षित वन क्षेत्रों के अन्तर्गत 10 किमी की परिधि में आने वाले वनभूमि से सम्बंधित विद्युत, सड़क, नदियों के चुगान आदि से सम्बंधित विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरों के गठन पर सहमति दी गई, इसमें पुलिस विभाग डेपुटेशन पर कार्मिकों की व्यवस्था करेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर उत्तराखण्ड में बाघों की स्थिति व वन्य जीवों से सम्बंधित पुस्तक का विमोचन किया।
बैठक में कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक एवं सभा सचिव ललित फस्र्वाण, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार रणजीत रावत, प्रो. जीतराम, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, प्रमुख वन संरक्षक आरके महाजन, मुख्य जीव प्रतिपालक डीवीएस खाती सहित वन विभाग के अधिकारी व बोर्ड के सदस्यगण आदि उपस्थित थे।
2 comments