देहरादून: किसानों की आय को दोगुना करने के लिए भेंड़, बकरी पालन, मछली पालन, डेयरी व्यवसाय, सगंध पादप, रेशम उद्योग, जड़ी बूटी, मुर्गी पालन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) उत्तराखण्ड को 3641.91 करोड़ रुपये तीन वर्षों में देगी। इससे प्रोग्राम फ़ॉर डेवलपमेंट थ्रू इंटीग्रेटेड को-आपरेटिव डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का संचालन किया जाएगा। पहले साल में एनसीडीसी द्वारा 799.63 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित बैठक में परियोजना के जरिये किसानों की आय दोगुना करने की कारगर कार्य योजना बनाई गई। निर्देश दिए कि पूरे राज्य की क्षमताओं के अध्ययन के अनुसार किसानों की आमदनी बढ़ाई जाय। जड़ी बूटी, सगंध पादप, ट्राउट, महासीर मछली, दुग्ध उत्पादन, रेशम उत्पादन आदि क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर लिया गया है। क्लस्टर के आधार पर इनका विकास किया जाय।
बैठक में बताया गया कि सहकारिता विभाग परियोजना को 4000 को-आपरेटिव सोसाइटीज और 30 पैक्स के माध्यम से लागू करेगा। इसके लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट डायरेक्टर की तैनाती की जाएगी। जिलों में डीपीएमयू का गठन किया जाएगा। इसके लिए को-आपरेटिव कलेक्टिव फार्मिंग, को-आपरेटिव पार्टनरशिप और को-आपरेटिव कॉर्पोरेट पार्टनरशिप की नई पहल की जाएगी। बताया गया कि इससे लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रुकेगा, किसानों की उपज का वैल्यू चेन के जरिये बाजार मिलेगा, महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोज़गार मिलेगा। बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव सहकारिता श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।