देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये विभागीय स्तर पर अनुभवी लोगों की समिति गठित करने के साथ ही इस सम्बंध में टास्क फोर्स के गठन पर भी बल दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है इसी लिये वर्ष 2018 को प्रदेश में रोजगार वर्ष के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है।
रोजगार के अवसरों के सृजन के लिये सभी विभाग आपसी समन्वय से करें कार्य– सीएम
सचिवालय में प्रदेश में रोजगार सृजन से सम्बंधित बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि रोजगार के अवसरों के सृजन के लिये सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। इस दिशा में प्रभावी चिन्तन की भी उन्होने जरूरत बतायी, उन्होने कहा कि हमें प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित दोनों ही प्रकार के लोगों की चिन्ता करनी है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित है, अतः इस दिशा में समेकित एवं समन्वित प्रयासों की जरूरत है। हमारा प्रदेश अपने पावों पर खड़ा हो इसके लिये हमें माहौल बनाना होगा। उन्होने इस दिशा में विकास खण्ड स्तर से पहल करने पर बल देते हुए कहा कि इसमें ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख के साथ ही विषय विशेषज्ञों एवं आम जनता से भी सुझाव प्राप्त कर ठोस नीति के निर्धारण पर ध्यान दिया जाय, यदि ब्लाक स्तर पर इस दिशा में प्रभावी चिन्तन और मनन पर ध्यान दिया जाय तो इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे इससे जनपद व राज्य स्तर पर इस प्रकार की पहल के लिये आधार भी तैयार हो सकेंगे। इन क्षेत्रों में संसाधन उपलब्ध करा कर रोजगार के सृजन तथा स्वरोगार के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से इस दिशा में गहन चिन्तन कर प्रभावी नीति तैयार करने पर भी बल दिया।
विभागीय उच्चाधिकारी भी समय–समय पर ब्लाक स्तर पर जायें– सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय उच्चाधिकारी भी समय-समय पर ब्लाक स्तर पर जायें विभिन्न उद्योगों से जुड़े उद्यमी व व्यापारियों की भी इसमें भागीदारी रहे, इससे राज्य स्तर पर तैयार की जाने वाली प्रभावी कार्ययोजना के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। इस प्रकार के समेकित प्रयासों से हम आगामी चार पांच सालों में 4.25 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने में सफल हो सकेंगे।
देश के कई राज्यों की भांति उत्तराखण्ड में भी हो ओवरसीज प्लेशमेंट कम्पनी का गठन– सीएम
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने देश के साथ ही विदेशों में भी यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके इसके लिये देश के कई राज्यों की भांति ओवरसीज प्लेशमेंट कम्पनी बनाने के लिये भारत सरकार से लाइसेंस प्राप्त करने की दिशा में पहल करने को कहा। इसमें हास्पिटिलिटी, स्वास्थ्य, आई0टी0, शिक्षा के क्षेत्र में यहां के युवाओं को ओवरसीज में रोजगार के बेहतर अवसर भी प्राप्त होंगे। इसके अलये अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप युवाओं के कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाय, ताकि युवाओं को प्रतिस्पर्धा की वर्तमान चुनौतियों का सामना करने में भी मदद मिल सके।
वन सम्पदा का हो आर्थिकी के साथ ही रोजगार सृजन में भी उपयोग– सीएम
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा बड़ा भूभाग वनाच्छादित होने के बावजुद इसका प्रदेश की आर्थिकी में योगदान नगण्य है। इस सम्पदा को आर्थिकी के साथ ही रोजगार सृजन में भी उपयोग हो इसके लिये वन पंचायतो एवं जायका जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन में ईज आफ डूईंग की पहल भी मददगार हो सकती है इसके लिये उद्योगों व सर्विस सेन्टरों की मजबुती पर भी ध्यान दिया जाय। उन्होंने विभागीय योजनाओं के प्रस्तावों में निवेश व रोजगार के सृजन के प्रयासों का भी समावेश किये जाने पर बल दिया।
प्रदेश में निवेश के प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही हेतु संवेदनशीलता की जरूरत– सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश के प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही हेतु संवेदनशीलता की जरूरत है। भूमि संबंधी प्रस्तावों की स्वीकृति में हो रही देरी पर उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए इसमें त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिंस्टम को प्रभावी बनाया जाए ताकि अधिक से अधिक निवेशक राज्य में आ सकें।
पर्यटन हमारी आर्थिकी का मुख्य आधार– सीएम
मुख्यमंत्री ने कि कहा पर्यटन हमारी आर्थिकी का मुख्य आधार है। इसके प्रति हमें सजगता से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार करोड़ पर्यटक आते हैं, यदि उनमें से एक करोड़ पर्यटक भी स्थानीय उत्पादों से तैयार किये गये सौ रूपये का सामान भी खरीदते हैं तो यह धनराशि सीधे काश्तकारों व महिलाओं को प्राप्त हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी महोत्सव से पहले टिहरी झील में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया जायेगा ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आए। मुख्यमंत्री ने टिहरी झील सहित अन्य झीलों व प्रमुख पर्यटन स्थलों का ड्रोन के माध्यम से फिल्मांकन पर भी ध्यान देने को कहा। इससे इन स्थलों की पहचान देश व दुनिया के समक्ष और प्रभावी ढ़ंग से हो सकेगी।
महिलाओं की आर्थिक स्थिति मे सुधार लाने के लिये किये जायें प्रयास–सीएम
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों पर आधारित वस्तुओं की पैकेजिंग और ब्रांडिग के लिए प्रशिक्षित किया जाये। जिससे उत्पादों पर स्वयं सहायता समूह अच्छी आय अर्जित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के विकास के लिये महिलाओं को ग्रामीण विकास एवं महिला सशक्तिकरण की योजनाओं का लाभ प्रदान करने के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को आंगनबाडी केन्द्रों से जोड़ने पर ध्यान दिया जाए। 20 हजार आंगनबाडी केन्द्रों द्वारा वितरित की जाने वाली पौष्टिक आहार का क्रय स्थानीय आधार पर होने से स्थानीय महिलाओं को आय के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ड्रेस, स्कूल बैग, रेडीमेड वस्त्रों को तैयार करने जैसी योजनाओं से जोड़ा जाए। महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तो परिवार भी मजबूत होगा।
सभी अधिकारी जनता के हित में कार्य करना सुनिश्चित करें– सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग जनता की सेवा के लिये है। अतः सभी अधिकारी जनता के हित में कार्य करना सुनिश्चित करें। ग्रामीण स्तर पर कृषि, उद्यान, बागवानी जैसे विभागों की सेवाओं का लाभ किसानों को मिल सके इसके लिये इन विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति ब्लाॅक स्तर पर सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि किसानों को आधुनिक तकनीकि की जानकारी समय-समय पर प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर सचिव कौशल विकास एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन डाॅ. पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा रोजगार सृजन के संबंध में किये जा रहे प्रयासों के लिये एक प्रपत्र तैयार किया गया है तथा इसका एक पोर्टल भी तैयार किया गया है। इसमें सृजित होने वाले रोजगार की स्थिति की जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण क्षमता, निर्माण एवं कौशल विकास के कार्य किये जायेंगे, जिसके अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों एवं उनके परिसंघो को संस्थागत प्रबंधन, बाजार के साथ संपर्क स्थापित करने, मौजूदा आजीविका का प्रबंधन करने, ऋण साख बढ़ाने एवं सामुदायिक संसाधन व्यक्ति बनाने हेतु पर्याप्त कौशल विकास करना है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्रीमती मनीषा पंवार, श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री आर.के.सुधांशु, श्री अमित नेगी, श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी ने भी अपने सुझाव रखे।