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हिमोत्थान परियोजना की 12वीं राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की अध्यक्षता करते हुएः मुख्य सचिव

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में टाटा ट्रस्ट द्वारा संचालित हिमोत्थान परियोजना  की 12वीं राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने हिमोत्थान परियोजना द्वारा संचालित कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए इसे और प्रभावी बनाने हेतु सुझाव मांगे। उन्होंने 2022 तक किसानों की आय दुगुना करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये हिमोत्थान परियोजना से कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, किसानों को कम लागत पर पावर टिलर द्वारा जुताई कार्य सम्पादन पर बल दिया। उन्होंने व्यावसायी फसलों के प्रति प्रोत्साहन के प्रचार की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने किसानों की आय बढाने हेतु जनपदों के कृषि, उद्यान, पेयजल, विकास अधिकारियों, आजिविका योजनाओं से जुडे अधिकारियों के साथ ट्रस्ट के अधिकारियों के मध्य समन्वय बढाने के निर्देश दिये।

हिमोत्थान की अध्यक्ष विभा पुरी दास ने बताया कि हिमोत्थान परियोजना द्वारा 2020 तक प्रदेश के 01 हजार गांवों के 01 लाख परिवारों के रहन सहन का स्तर ऊंचा उठाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रदेश सरकार एकीकृत आजीविका सहायता परियोजना, सहभागी वन प्रबन्ध एवं निर्धनता उन्मूलन परियोजना (जायका), उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका योजना के समन्वय से परियोजना प्रदेश के  किसानों के लिये कृषि, उद्यान, आजीविका, कौशल, शिक्षा, कौशल विकास, पेयजल एवं स्वच्छता आदि के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। उन्होंने हिमोत्थान परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

परियोजना के निदेशक श्री यशपाल सिंह बिष्ट द्वारा हिमोत्थान परियोजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान निदेशक श्री बिष्ट ने बताया कि जिला स्तर पर गठित समितियों द्वारा वर्ष में एक बार परियोजना के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जाता है। परियोजना के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों शौच मुक्त योजना, पशुधन विकास, कृषि, उद्यान, शिक्षा एवं आजीविका पुर्नस्थापन कार्यक्रम के बारे में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। श्री बिष्ट ने बताया कि स्थानीय उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन, ब्रांडिग व राज्य के बडे बाजारों में विपणन हेतु विभिन्न जनपदों की सहकारिताओं ने मिलकर त्रिशूली प्रोडूसर कम्पनी का गठन किया है। जिसके माध्यम से आजीविका परियोजना का संचालन किया जाता है।

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