देहरादून: कुम्भ मेला – 2021 के आयोजन हेतु कार्यों के चयन के सम्बन्ध में गठित राज्य स्तरीय एम्पावर्ड समिति की बैठक सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें कुम्भ मेला योजना में स्वीकृत एवं संचालित निर्माण कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की गयी।
मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये, कि वे समयबद्धता एवं गुणवत्ता से स्वीकृत कार्यों को निर्धारित समय में पूरा करें। उन्होंने गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता न करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा, कि कुम्भ मेला निर्माण कार्यों का थर्ड पार्टी निरीक्षण लगातार जारी है। निर्माण के दौरान जहां पर भी कमी पायी जाती है, सम्बन्धित कार्यदायी संस्था उसका तुरन्त निराकरण करें। उन्होंने कुम्भ मेला अधिकारी श्री दीपक रावत को निर्माणाधीन कार्यों का लगातार समीक्षा करने के निर्देश दिए तथा विगत दिनों माननीय मुख्यमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक द्वारा आहूत बैठक में चिन्ह्ति 48 प्राथमिकता कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने शासन, तकनीकी प्रकोष्ठ व विभागीय स्तर पर प्रेषित प्रस्तावों पर स्वीकृति में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव द्वारा हरिद्वार शहर में एन.एच – 58 आईरिस सेतु से बैरागी कैम्प, विश्व कल्याण आश्रम, मातृ सदन आश्रम होते हुए ज्वालापुर-लक्सर-पुरकाजी-राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाले 208 लाख रूपए की लागत के 4.50 कि.मी वन मोटर मार्ग का निर्माण परियोजना की प्रगति की स्वीकृति प्रदान की गयी है। मुख्य सचिव द्वारा अपर सचिव शहरी विकास श्री विनोद सुमन को कुम्भ मेले के अन्तर्गत विभिन्न विभागों द्वारा शासन को प्रेषित परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए प्रभावी ढंग से परश्यू करने के निर्देश दिए, ताकि परियोजनाओं का निर्माण समयबद्धता से पूर्ण हो।
मुख्य सचिव ने स्वीकृत कार्यों में आने वाले स्थानीय मुद्दों का तुरन्त निराकरण कर स्वीकृत कार्य को समय बद्धता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सिंचाई निर्माण कार्य की समीक्षा के दौरान कार्यदायी संस्थाओं को गुणवत्ता से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग की स्वीकृत योजनाओं के निरीक्षण में पायी गई खामियों के लिए दोषी सम्बन्धित अभियंताओं को चेतावनी देने के निर्देश दिए तथा सम्बन्धित कार्यवाही से शासन को भी अवगत कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक की प्राथमिकता वाली परियोजना बी.एच.ई.एल. मध्य मार्ग से सिडकुल मार्ग में पड़ने वाली रानीपुर रोह पर डबल लेन सेतु का निर्माण परियोजना हेतु स्वीकृत अंशदान 32.44 लाख से निर्मित कार्य की अद्यतन समीक्षा की। मुख्य सचिव द्वारा परियोजना से सम्बन्धित 797 लाख के विस्तृत आंगणन की स्वीकृति के निर्देश सम्बन्धित विभागों को दिए गए। उन्होंने स्वीकृत कार्यों की समीक्षा पर धीमी प्रगति वाली कार्यदायी संस्थाओं यथा पेयजल निगम, जल संस्थान को युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए।
लिंक अधिकारी शहरी विकास सचिव श्री आर. के सुधांशु द्वारा अवगत कराया गया कि कुम्भ मेला योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड शासन द्वारा 39 स्वीकृत कार्यों हेतु 197.83 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष 79 करोड़ 41 लाख रूपए की जारी धनराशि से निर्माण कार्य गतिमान हैं। उन्होंने बताया कि स्वीकृत अवशेष धनराशि का उपयोग समयबद्धता से सुनिश्चित कर लिया जायेगा।
कुम्भ मेला अधिकारी दीपक रावत द्वारा लोक निर्माण विभाग द्वारा संचालित मायापुर स्केप चैनल के ऊपर विश्व कल्याण आश्रम के सामने प्री-स्ट्रेस आर.सी.सी डबल लेन सेतु का निर्माण, हरिद्वार में मायापुर स्केप चैनल/गंगा नदी पर दक्षद्वीप एवं बैरागी कैम्प को जोड़ने हेतु बो-स्ट्रींग स्टील गर्डल डबल लेन सेतु का निर्माण कार्य, जगजीतपुर में मात्र सदन के निकट मायापुर स्केप चैलन के ऊपर 60 मी. स्पान के बो-स्ट्रींग डबल लेन सेतु के निर्माण कार्य एवं सिंचाई विभाग के अन्तर्गत स्वीकृत गंग नहर कांवड पटरी मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, गंगा पथ मैरीन ड्राइव निर्माण कार्य, जनपद टिहरी गढ़वाल के नरेन्द्रनगर विकास खण्ड में गंगा नदी के दांये तट पर मुनकीरेती क्षेत्र में अवशेष आस्था पथ का निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण, ऊपरी गंगा नहर के दांये बैंक पर धनौरी-सिडकुल लिंक मार्ग के निर्माण (धनौरी पुल से बहादराबाद तक) के कार्य, पेयजल निगम, गृह विभाग के स्वीकृत निर्माण कार्यों की अद्यतन प्रगति का स्लाइड शो के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, वित्त सचिव श्रीमती सौजन्या, आयुक्त गढ़वाल मण्डल श्री रविनाथ रमन, आई.जी गढ़वाल श्री संजय गुंज्याल, डी.आई.जी श्री पुष्पक ज्योति, सचिव श्री हरवंश सिंह चुघ, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार जनमेजय खंडूडी, अपर सचिव श्री विनोद कुमार सुमन सहित लोनिवि, सिंचाई, पेयजल निगम एवं जल संस्थान के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।