देहरादून: शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ईज टू डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में राज्य अच्छा कर रहा है। उन्होंने कहा कि 10 माह पूर्व हमारा राज्य 23वीं रैंकिंग में चल रहा था, वह आज पिछले 4 दिनों से नंबर वन पर चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमने जो विभिन्न विभागों को जोड़कर एक सिंगल विंडो सिस्टम का मैकेनिज्म खड़ा किया है। इसके चलते यह नंबर विन की पोजीशन प्राप्त हुई है।
स्किलड यूथ, बिजली की उपलब्धता के साथ-साथ बेहतर कानून व्यवस्था उपलब्ध कराना राजय सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में 50,000 लोगों को ट्रेनिंग देकर नौकरी ढूंडने वाले से नौकरी देने वाला बनाना है। राज्य सरकार का फोकस लघु एवं सूक्ष्म उद्योग पर है। इससे उत्तराखण्ड स्टार्ट अप को भी बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार द्वारा एक प्रारम्भिक सर्वें करवाया गया है। जिसके अनुसार राज्य अब भी 14 प्रतिशत की वार्षिक ग्रोथ रेट से विकास करेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हम एक नया इतिहास बनाने वाले है। हम 500 सड़कों पर कार्य शुरू करने वाले है। इससे वर्ष 2018-19 तक हम कनैक्टिविटी डेनसिटि में हिमाचल से आगे निकल जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित करके एक परम्परा प्रारम्भ की हैं। इस जनसंवाद कार्यक्रम की परम्परा को आगे भी जारी रखा जायेगा, ताकि हम खुले रूप से अपना पक्ष रख सकें। उन्होंने कहा कि इस बार अतिवृष्टि के समय विभागों द्वारा क्विक रिस्पान्स टाईम बहुत अच्छा रहा है। यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि 12 घण्टे के अन्तराल में 75 प्रतिशत राहत एवं बचाव कार्य किए गए। उन्होंने कहा कि पुणे में भारत सरकार के संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड की बड़ी नदियों का अध्ययन करवाने का कहा गया हैै। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मलिन बस्तियों के नियमितिकरण के लिये समिति बनायी गई है। समिति द्वारा ही मलिन बस्तियों के नियमितिकरण के मानक तय किये जायेगे। मानकों के अन्तर्गत आने वालो का नियमितिकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एमडीडीए को तैयार करने व रीवर फन्ट डेवलपमेंट का भी कार्य सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नमामी गंगे के तहत केन्द्र सरकार से मांग की है कि सिर्फ गंगा ही नही बल्कि उसकी सहायक नदियों को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाए। जिसमें रामगंगा को भी जोडा जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो पैकेज दिया है यदि उसे पूरा मंजूर किया जाता है, तो उसके अनुसार हम गंगोत्री जैसा शुद्ध पानी हरिद्वार में दे सकते है। इसके लिए इंटरसेप्टर कैनाल मुनी की रेती से हरिद्वार तक बनाने की योजना है। जिसमें ट्रीटमेंट प्लांट से पानी को शुद्व किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कनेक्टिविटि व लैण्डसलाइड ट्रीटमेंट की मंजूरी के लिये केन्द्रीय मंत्री नीतिन गड़करी का भी आभार व्यक्त किया।