लखनऊ: प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अरूण कुमार सिन्हा ने बताया कि इन्फ्लुएन्जा ए-एच-1 एन 1 की रोकथाम के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस टास्क फोर्स में सदस्य के तौर पर विभिन्न विभागों के मण्डल/जिलास्तरीय अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनके माध्यम से इन्फ्लुएन्जा ए-एच-1 एन 1 की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु प्रभावी कदम उठायें जायेगें।
प्रमुख सचिव ने बताया कि शीतकाल आरम्भ होते ही इन्फ्लुएन्जा ए- एच 1 एन 1 रोग के प्रसार की संभावना बहुत बढ़ जाती है। इसीलिए इस रोग की प्रभावी रोकथाम एवं नियन्त्रण के लिए प्रत्येक जनपद में एक रैपिड रिस्पाॅस टीम का गठन किया गया है, जिसमें एक जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ/एपिडेमियोलाॅजिस्ट, एक क्लीनिशियन तथा एक पैथोलाॅजिस्ट/माइक्रोबायोलाॅजिस्ट रखे गये हैं। प्रत्येक जिला चिकित्सालयों में 10 बेडों के आइसोलेशन वार्ड की भी व्यवस्था की गई है।
श्री सिन्हा ने यह भी बताया कि इन्फ्लुएन्जा की जांच तथा उपचार में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। रोगियों के उपचार हेतु आवश्यक दवाइयों और लाॅजिस्टिक सपोर्ट (पी0पी0ई0 किट, 03 लेयर सर्जिकल मास्क एन 95 एवं वी0टी0एम) की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो जैसे लखनऊ, वाराणसी तथा इन्डोनेपाल वार्डर पर स्थित चेकपोस्टो पर गठित मेडिकल चेकपोस्ट के माध्यम से इन्फ्लुएन्जा ए-एच 1 एन 1 रोगियों की स्क्रिीनिंग एवं समुचित उपचार के भी इंतजाम किये जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिये हैं कि रोगियों के तीमारदारों को भी ओसल्टाबिमीर दवाई देकर संक्रमण से उनका भी बचाव सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही सरकारी तथा गैर-सरकारी चिकित्सालयों से इस रोग के संभावित रोगी की प्रयोगशाला जांच हेतु नमूने एकत्र कर उनका परीक्षण तथा रिपोर्टिंग आई.डी.एस.पी.यू.पी. को भेजा जाय।
प्रमुख सचिव द्वारा पशुपालन विभाग को सूकर पालन एवं संबंधित व्यापार में लगे व्यक्तियों का चिन्हीकरण करने, उनको पी0पी0ई0किट का प्रयोग करने तथा मृत पशुओं का मानक गाईड लाइन के अनुसार निस्तारण करने के निर्देश भी दिए है। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, नागरिक उड्डयन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ ही जनपदों में एन्फ्लुएन्जा ए-एच 1 एन 1 के जागरूकता एवं बचाव हेतु ‘‘क्या करें, क्या न करें’’ के विशेष प्रचार प्रसार हेतु सूचना विभाग एवं मनोरंजन विभाग को भी निर्देशित किया गया है।