नई दिल्ली: आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने बताया कि राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार नेस्ले के मैगी नूडल्स में सीसा 2.5 पीपीएम की स्वीकृति मात्रा से अधिक मिला है।
जहां तक मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) का संबंध है, उसके बारे में भी कंपनी ने उत्पाद के लेबल पर सूचना देने संबंधी शर्तों का उल्लंघन किया है। उत्पाद के नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट पाया गया है। बहरहाल मदर डेयरी के दूध के नमूनों में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को डिटरजेंट नहीं मिला है।
5 जून, 2015 को एफएसएसएआई ने मैसर्स नेस्ले इंडिया लिमिटेड को एक आदेश जारी किया था कि वह अपने उत्पाद फौरन बाजार से उठा ले। इसके साथ ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था कि 15 दिन के अंदर जवाब दे कि मैगी नूडल्स की नौ किस्मों को दी गई स्वीकृति क्यों न वापस ले ली जाए।
एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रावधानों या नियमों की अवहेलना करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बनाए जाने वाले विभिन्न खाद्य उत्पादों के संबंध में उऩ्हें वापस लेने के लिए आदेश जारी किया था। इनमें मैगी इनस्टेंट नूडल, मॉन्सटर एनर्जी ड्रिंक, क्लाउड नाइन एनर्जी ड्रिंक, जिंगा एनर्जी ड्रिंक और एकोरोमा फ्लेवर्ड वाटर जैसे उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा खाद्य उत्पादों के लगभग 365 वर्गों के संबंध में सुरक्षा मानकों को अधिसूचित किया गया है। इस संबंध में मानकों को राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा विभाग लागू करते हैं। बहरहाल, इस संबंध में कोई विवरण केन्द्र सरकार के स्तर पर नहीं रखा जाता।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 को लागू करने का दायित्व राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों का है। खाद्य उत्पादों के नमूने राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए जाते रहेंगे और उनकी जांच एफएसएसएआई द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं में की जाएगी। अगर इन नमूनों में ऐसी कोई चीज पाई जाती है, जिससे अधिनियम के प्रावधानों और नियमों का उल्लंघन होता है तो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 और नियमन 2011 के तहत तुरंत कार्रवाई की जाएगी।