लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देकर किसानों एवं पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनायें संचालित की गयी है। प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाये रखने के लिए 01 हजार करोड़ रूपये की लागत से नन्द बाबा दुग्ध मिशन की शुरूआत की गयी है। इस मिशन से उ0प्र0 में एक ’’नई श्वेत क्रांति’’ आयेगी। मिशन के तहत गायों के नस्ल सुधार हेतु मुख्यमंत्री स्वदेशी गौसंवर्द्धन योजना, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना तथा नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा दुग्ध उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण अंचल की अर्थव्यवस्था को गतिशील करने के लिए प्रारम्भिक दुग्ध सहकारी समितियों का गठन करके पशुपालकों के आर्थिक उत्थान का कार्य किया जा रहा है।
पशुधन मंत्री ने इन योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के बाहर से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों के क्रय को प्रोत्साहित करने हेतु “मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-सवंर्धन योजना” प्रारम्भ की गयी है। इससे मुख्यमंत्री स्वदेशी गौसंवर्द्धन योजना से ग्रामीण उ0प्र0 के डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के नवयुवकों एवं महिलाओं को पशुपालन के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित करते हुए रोजगार उपलब्ध कराना तथा प्रदेश में उन्नत नस्ल की गायों की संख्या में वृद्धि करने के साथ-साथ स्वदेशी गायों की नस्ल सुधार हेतु अभिप्रेरित करना है। इस योजना के अन्तर्गत पशुपालकों को प्रदेश के बाहर से स्वदेशी उन्नत नस्ल के गायों को क्रय करने हेतु प्रोत्साहित करने की योजना है, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को उन्नत नस्ल यथा-गिर, साहीवाल, हरियाणा एवं थारपारकर की अधिकतम 02 दुधारू पशुओं की इकाई स्थापित करने हेतु इकाई लागत का 40 प्रतिशत, अधिकतम रू0 80000 (रूपया अस्सी हजार) का अनुदान अनुमन्य किया गया है। योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों/पशुपालकों को लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में वित्तीय लक्ष्य रू0 1000 लाख तथा भौतिक लक्ष्य 2500 इकाई निर्धारित किया गया है।
श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत स्वदेशी गायों में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” प्रारम्भ की गयी है। इससे प्रदेश के पशुपालक उच्च उत्पादकता वाली गायों के पालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। इस योजना के अन्तर्गत स्वदेशी गायों यथा-गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी एवं थारपारकर प्रजाति में नस्ल सुधार, उनकी बेहतर देखभाल, गुणवत्ता युक्त पोषण एवं स्वास्थ्य प्रतिरक्षा के प्रति अपेक्षित जागरूकता के साथ-साथ स्वदेशी नस्ल की गायों की दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करने की योजना है। योजनान्तर्गत प्रगतिशील पशुपालको को अधिकतम 02 गायों के लिए तथा प्रत्येक गाय को उनके जीवनकाल में केवल एक बार प्रोत्साहन दिया जायेगा। प्रोत्साहन की धनराशि रू0 10000 (रूपया दस हजार) से रू0 15000 (रूपया पन्द्रह हजार) प्रति गाय की दर से नकद रूप में डी0बी0टी0 के माध्यम से तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में वित्तीय लक्ष्य रू0 1000 लाख तथा भौतिक लक्ष्य 8000 इकाई निर्धारित किया गया है।
श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गौवंशीय पशुओं के नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु “नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना” प्रारम्भ की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत पशुपालन के क्षेत्र में उन्नत नस्ल के अधिक से अधिक दुधारू गौवंश की इकाईयाँ स्थापित कर पशुपालकों में उद्यमिता विकास हेतु गिर, साहीवाल, थारपारकर एवं गंगातीरी प्रजाति की 25 दुधारू गायों की 35 इकाईयॉ प्रथम चरण में स्थापित करने की योजना है, जिसमें लाभार्थियों को 50 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम रू0 31.25 लाख तक दिये जाने का प्राविधान किया गया है। उक्त योजना मंे लाभार्थी का अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत तथा अनुदान 50 प्रतिशत के रूप में वित्त पोषण का प्राविधान किया गया है। अनुदान वितरण 03 चरणों में किये जायंगेे। योजना में गौवंश का क्रय प्रदेश के बाहर से यथा संभव उस नस्ल के ब्रीडिंग ट्रैक्ट से किया जायेगा। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में वित्तीय लक्ष्य रू0 11 करोड़ लाख तथा भौतिक लक्ष्य 35 इकाई निर्धारित किया गया है।
श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत ’’प्रारम्भिक दुग्ध सहकारी समितियों के गठन’’ के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों को गॉव में ही उनके दुग्ध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रारम्भिक दुग्ध समिति का गठन व संचालन किया जायेगा। प्रदेश के विकास खण्ड, जिसमें इस वर्ष ग्राम स्तर पर दुग्ध समिति का गठन नहीं किया गया है, ऐसे 621 विकास खण्डों में एक-एक दुग्ध समिति का गठन किया जायेगा। प्रत्येक दुग्ध समिति के गठन व संचालन पर रू0 69000 (रूपया उन्हत्तर हजार) का व्यय तथा सभी दुग्ध समितियों में डाटा प्रोसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट (डी0पी0एम0सी0यू0) की स्थापना पर अधिकतम रू0 150000 (रूपया एक लाख पचास हजार) का व्यय किया जायेगा। नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत 621 प्रारम्भिक दुग्ध सहकारी समितियों हेतु वित्तीय लक्ष्य रू0 1360 लाख निर्धारित किया गया है। इस हेतु 05 सितम्बर, 2023 को शासनादेश जारी कर दिया गया है।