देहरादून: न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का शुभारम्भ मुख्यमंत्री हरीश रावत, सांसद श्रीमती माला राजलक्ष्मी शाह व राज्य के ग्राम्यविकास मंत्री प्रीतम सिंह ने संयुक्त रूप से करते हुए 200 चयनित लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि गरीब को छत मुहैया कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसीलिए प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही राज्य की अपनी उŸाराखण्ड जनआवास योजना भी शीघ्र ही प्रारम्भ करने जा रहे हैं। मलिन बस्तियों के नियमितिकरण का एक उद्देश्य यह भी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इंदिरा आवास योजना के तहत बड़ी संख्या में आवासहीनों को आवास उपलब्ध करवाए गए। अब इसी में सुधार करते हुए वर्ष 2016-17 से इंदिरा आवास योजना का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) किया गया है। राज्य सरकार गरीबों के हित में इस योजना को सही तरीके से क्रियान्वित करना, सुनिश्चित करेगी। जिस प्रकार हमने जनधन योजना व किसान बीमा योजना में अपनी ओर से जोड़ा है, उसी प्रकार इस योजना में भी राज्य सरकार कुछ जोड़ने का प्रयास करेगी ताकि जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाया जा सके। इस महीने की 15 तारीख से उŸाराखण्ड जनआवास योजना प्रारम्भ कर दी जाएगी जिसके तहत 35 हजार आवास बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में सामािजक व आर्थिक बदलाव महिलाओं के माध्यम से ही लाया सकता है। आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला कल्याण व महिला सशक्तिकरण की अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’, कन्याधन योजना, गौरा देवी कन्याधन योजना, शादी ब्याह आदि के लिए कई योजनाओं सहित गर्भवती महिलाओं के लिए पोष्टाहार योजना, 60 वर्ष से अधिक की माताओं के लिए टेकहोम राशन तथा मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना, बुजुर्ग माताआंे के लिए रोड़वेज में निशुल्क यात्रा, आदि योजनाएं माताओं व बहनों के लिए प्रारम्भ किए गए हैं। प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह को, सीड केपिटल के तौर पर पांच हजार रूपये व सामुदायिक निवेश निधि के तहत 20 हजार रूपये की राशि, सहायता स्वरूप उपलब्ध करवाई जा रही है। जो महिला स्वयं सहायता समूह लीज पर भूमि लेकर सामूहिक खेती के लिए आगे आते हैं, उन्हें 1 लाख रूपए की राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। महिलाओं में एनिमिया व ल्यूकेरिया की रोकथाम के लिए अभियान प्रारम्भ किए गए हैं।
संासद श्रीमती माला राजलक्ष्मी शाह ने कहा कि जनहित की योजनाओ की सफल क्रियान्विति के लिए केंद्र व राज्यों का मिलकर काम करना जरूरी है। बेघरों को आवास उपलब्ध करवाने में प्रधानमंत्री आवास योजना महत्वपूर्ण साबित होगी। प्रदेश के ग्राम्यविकास मंत्री प्रीतम सिंह ने कहा कि योजना में लाभार्थियों के चयन में सावधानी बरते जाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि मानकों के अंतर्गत आ रहे जरूरतमंद इससे वंचित न रहे। ग्रामीण क्षेत्रों के मिस्त्रियों के प्रशिक्षण पर भी ध्यान देना होगा।
प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016-17 से इंदिरा आवास योजना का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) किया गया है। पात्र लाभार्थी का चयन ‘‘सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011’’ सर्वे के आधार पर आवासहीन, 0 कमरा, 1 कच्चा कमरा, 2 कच्चे कमरों के आवास वाले अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक एवं अन्य श्रेणी के परिवारों की प्राथमिकता सूची वरीयता के आधार पर पृथक-पृथक ग्राम सभावार तैयार की जाएगी। न्यूनतम 25 वर्ग मीटर भूमि पर एक कक्ष, किचन, एक शौचालय बनाना अनिवार्य है। योजना के तहत प्रति आवास के लिए धनराशि 1 लाख 30 हजार रूपए अनुमन्य है। इसमें केंद्र व राज्य के अंश का अनुपात 90ः10 होगा। लाभार्थी आवास निर्माण के लिए 1 लाख 30 हजार रूपए के अतिरिक्त 95 दिवस का श्रमांश रूपए 16500, शौचालय निर्माण के लिए 12000 स्वच्छ भारत मिशन या मनरेगा से, कुल लगभग 1 लाख 58 हजार रूपए की धनराशि प्राप्त कर सकता है। ‘‘सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011’’ सर्वे के आधार पर राज्य में कुल 21,930 लाभार्थी परिवारों को चयनित किया गया है। इनमें अनुसूचित जाति के 5445, अनुसूचित जनजाति के 1548 व अल्पसंख्यक वर्ग के 5062 परिवार शामिल हैं। वर्ष 2016-17 में 8120 परिवारों को लाभ प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।