नई दिल्ली: अपनी विशिष्टताओं के कारण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना काफी लोकप्रिय हुई और देश के 27 राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों ने इसे एक या उससे ज्यादा मौसमों में अपनाया। यह योजना 2016-17 में लागू की गयी थी जिस वर्ष मानसून की वर्षा काफी अच्छी हुयी थी, लेकिन इसके बावजूद उस वर्ष इस योजना के तहत बीमा दावों का औसत काफी अधिक 73 प्रतिशत रहा। कुछ राज्यों जैसे आंध्रप्रदेश में यह 114 प्रतिशत, कर्नाटक में 135 प्रतिशत, केरल में 132 प्रतिशत और तमिलनाडु में 286 प्रतिशत रहा। 2016-17 में इस बीमा योजना के तहत 139 लाख किसानों के कुल 15349.68 करोड़ रुपये के दावे निपटाए गए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक ऐसी योजना है जिसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए दो प्रतिशत, रबी और तिलहन फसलों के लिए डेढ़ प्रतिशत और व्यावसायिक तथा बागवानी से जुड़ी फसलों के लिए पांच प्रतिशत की अधिकतम सालाना प्रीमियम राशि देनी होती है। बाकी की प्रीमियम राशि केन्द्र और राज्य सरकारें बराबर-बराबर बांटती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दावों का त्वरित निपटान करना है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार दावों का निपटारा फसल कटाई के दो महीने के भीतर हो जाना चाहिए।
2016-17 के दौरान योजना के तहत किए गए दावे और उनके निपटाने के लिए दी गई राशि का ब्यौरा है –
यह जानकारी केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दी।