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प्रधानमंत्री पहली जुलाई को डिजिटल इंडिया सप्‍ताह का शुभारंभ करेंगे

देश-विदेश

नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया अभियान के तहत उठाए गए कई कदम अब उस चरण तक पहुंच चुके है जहां संभावित उपयोगकर्ताओं की जागरूकता एवं उनकी सक्रिय भागीदारी डिजिटल प्रौद्योगिकी के सफल होने के लिए आवश्‍यक है। केन्‍द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने यह जानकारी देते हुए आज कहा कि प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के जरिए लोगों को अधिकार संपन्‍न बनाने के उद्देश्‍य से पहली जुलाई को डिजिटल इंडिया सप्‍ताह का शुभारंभ करेंगे।

उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा गेम चेंजर यानी परिदृश्‍य बदलने के हिसाब से बनाई गई है। भारत सरकार विभिन्‍न ऐप्‍लीकेशन्‍स एवं पोर्टल्‍स विकसित करने के लिए कई कदम उठा रही है जो नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में दीर्घकालिक भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 01 जुलाई, 2015 को शुभारंभ किए जाने वाले डिजिटल इंडिया सप्‍ताह का लक्ष्‍य लोगों की भागीदारी को प्रोत्‍साहित करना और उनके बीच जागरूकता का सृजन करना है।

डिजिटल इंडिया की परिकल्‍पना एक ऐसे प्रमुख कार्यक्रम के रूप में की गई है जो भारत को डिजिटल रूप से अधिकार संपन्‍न समाज और ज्ञान अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में रूपांतरित कर दे। इसमें एकल कार्यक्रम के तहत विभिन्‍न कदम निहित हैं जिनमें से प्रत्‍येक का लक्ष्‍य भारत को एक ज्ञान अर्थव्‍यवस्‍था बनने के लिए तैयार करना और पूरी सरकार की संकालित एवं समन्‍वित भागीदारी के जरिए नागरिकों को अच्‍छा प्रशासन सुलभ कराना है।

इस कार्यक्रम की परिकल्‍पना एवं समन्‍वय विभिन्‍न केन्‍द्रीय मंत्रालयों/विभागों व राज्‍य सरकारों के सहयोग के साथ इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया पर निगरानी समिति के अध्‍यक्ष हैं इसलिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत गतिविधियों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है। ई-गवर्नेंस के सभी मौजूदा एवं वर्तमान में जारी कदमों का डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों के साथ जोड़ने के लिए पुनर्निर्माण किया गया है।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का विज़न इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स सेवाओं, उत्‍पादों, विनिर्माण एवं रोजगार अवसर आदि क्षेत्रों में समावेशी विकास है। डिजिटल इंडिया का विज़न तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केन्‍द्रित हैं-

1. प्रत्‍येक नागरिक की उपयोगिता के रूप में डिजिटल बुनियादी ढांचा

2. मांग के आधार पर प्रशासन एवं सेवाएं और

3. नागरिकों की डिजिटल अधिकारिता

उपरोक्‍त विज़न के साथ, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्‍य ब्रॉडबैंड हाइवेज़, मोबाइल कनेक्‍टिविटी की सार्वभौमिक सुविधा, पब्‍लिक इंटरनेट एक्‍सेस प्रोग्राम, ई-गवर्नेंस : प्रौद्योगिकी, ई-क्रान्‍ति – सेवाओं की इलेक्‍ट्रॉनिक आपूर्ति, सभी के लिए सूचना के जरिए सरकार में सुधार, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स मैन्‍यूफैक्‍चरिंग : टारगेट नेट जीरो इम्‍पोर्ट्स, आईटी फॉर जॉब्‍स और अर्ली हारवेस्‍ट प्रोग्राम्‍स मुहैया कराना है। कई परियोजनाएं/उत्‍पाद या तो पहले ही प्रारंभ हो चुके हैं या प्रारंभ होने के लिए तैयार है जैसा कि नीचे संकेत दिया गया है –

• डिजिटल लॉकर सिस्‍टम का उद्देश्‍य भौतिक दस्‍तावेजों के उपयोग को न्‍यूनतम करना है और सभी एजेंसियों के बीच ई-डॉक्‍यूमेंट्स को साझा करने में समर्थ बनाना है। ई-डॉक्‍यूमेंट्स को पंजीकृत संग्राहकों के जरिए साझा किया जाएगा और इस प्रकार दस्‍तावेजों की ऑनलाइन वैधता सुनिश्‍चित की जाएगी।

• माई गॉव डॉट इन को एक ‘डिस्कस’ ‘डू’ और ‘डिस्सेमिनेट’ दृष्‍टिकोण के जरिए प्रशासन में नागरिकों की भागीदारी के लिए एक मंच के रूप में क्रियान्‍वित किया गया।

• स्‍वच्‍छ भारत मिशन (एसबीएम) मोबाइल ऐप का उपयोग लोगों एवं सरकारी संगठनों द्वारा स्‍वच्‍छ भारत अभियान के लक्ष्‍यों को अर्जित करने के लिए किया जाएगा।

• ई-साइन संरचना नागरिकों को आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करते हुए ऑनलाइन तरीके से दस्‍तावेज पर एक डिजिटल तरीके से हस्‍ताक्षर करने की अनुमति देगा।

• ई-हॉस्‍पिटल ऐप्‍लीकेशन के अंतर्गत ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन सिस्‍टम (ओआरएस) शुरू की गई है। यह ऐप्‍लीकेशन ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन, शुल्‍कों के भुगतान एवं अप्‍वाइंटमेंट, ऑनलाइन नैदानिक रिपोर्ट, खून की उपलब्‍धता की ऑनलाइन पूछताछ आदि जैसी महत्‍वपूर्ण सेवाएं मुहैया कराता है।

• राष्‍ट्रीय छात्रवृत्‍ति पोर्टल छात्र आवेदन पत्र जमा करने से लेकर प्रमाणीकरण, मंजूरी एवं संवितरण तक भारत सरकार द्वारा अंतिम लाभार्थी को मुहैया कराई जाने वाली सभी छात्रवृत्‍तियों की पूरी प्रक्रिया के लिए एकल समाधान है।

• डीईआईटीवाई ने देश में रिकॉर्डस के बड़े स्‍तर पर डिजिटाइज़ेशन के लिए डिजिटाइज़ इंडिया प्‍लेटफार्म (डीआईपी) नाम की एक पहल की शुरूआत की है जो नागरिकों को सेवाओं की कारगर आपूर्ति सुगम बनाएगी।

• भारत सरकार ने देश के सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को एक हाई-स्‍पीड डिजिटल हाइवेज़ से कनेक्‍ट करने के लिए भारत नेट नामक एक पहल की शुरूआत की है। ऑप्‍टिकल फाइबर का उपयोग करने वाली यह विश्‍व की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्‍टिविटी परियोजना होगी।

• बीएसएनएल ने 30 वर्ष पुराने एक्‍सचेंजों का स्‍थान लेने के लिए नेक्‍स्‍ट जेनरेशन नेटवर्क (एनजीएन) की शुरूआत की है जो वॉइस, डाटा, मल्‍टीमीडिया/वीडियो एवं पैकेट स्‍विचड कॉम्‍यूनिकेशन्‍स सर्विसेज़ के अन्‍य प्रकारों जैसी सभी तरह की सेवाओं को प्रबंधित करने के लिए एक आईपी आधारित प्रौद्योगिकी है।

• बीएसएनएल ने देशभर में बड़े पैमाने पर वाई-फाई हॉटस्‍पॉट्स की तैनाती की है। उपयोगकर्ता अपने मोबाइल उपकरणों के जरिए बीएसएनएल वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग कर सकते हैं। • नागरिक सेवाओं की इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से आपूर्ति करने तथा नागरिकों एवं अधिकारियों के आपस में कारोबार करने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए सर्वव्‍यापी कनेक्‍टिविटी अनिवार्य है। सरकार भी इस जरूरत को महसूस करती है जैसा कि ‘ब्रॉडबैंड हाइवेज़’ को डिजिटल इंडिया के स्‍तंभों में एक के रूप में शामिल करने से परिलक्षित होता है। जहां कनेक्‍टिविटी एक मापदंड है, नागरिकों को सेवाओं की आपूर्ति को सुगम बनाने में प्रौद्योगिकी को सक्षम बनाना तथा मुहैया कराना दूसरे मापदंड का निर्माण करता है।

डीईआईटीवाई द्वारा ई-गवर्नेंस डोमेन में उठाए गए नीतिगत कदमों में ई-क्रान्‍ति फ्रेमवर्क, भारत सरकार के लिए ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर को अपनाने पर नीति, ई-गवर्नेंस प्रणालियों में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को अपनाने के लिए संरचना, भारत सरकार के लिए ओपन ऐप्लीकेशन्‍स प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज़ (एपीआई), भारत सरकार की ई-मेल नीति, भारत सरकार के आईटी संसाधनों के उपयोग पर नीति, गवर्नमेंट ऐप्लीकेशन के सोर्स कोड को खोलने के जरिए कोलेबोरेटिव ऐप्लीकेशन डेवलपमेंट पर नीति, क्‍लाउड रेडी ऐप्लीकेशन्‍स के लिए ऐप्लीकेशन डेवलपमेंट एवं री-इंजीनियरिंग दिशा-निर्देश शामिल हैं।

• पूर्वोत्‍तर के विभिन्‍न राज्‍यों एवं अन्‍य राज्‍यों के छोटे/मुफसिल शहरों में भी बीपीओ केन्‍द्रों की स्‍थापना करने के लिए बीपीओ नीति को मंजूरी दे दी गई है।

• इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स डेवलपमेंट फंड (ईडीएफ) नीति का उद्देश्‍य नवाचार, आर एंड डी, प्रोडक्‍ट डेवलपमेंट को बढ़ावा देना तथा देश के भीतर आईपी के एक रिसोर्स पूल का गठन करना है जिससे कि वेंचर फंडों की स्‍व-वहनीय पारिस्‍थितिकी प्रणाली का सृजन किया जा सके।

• नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्‍ज़िबल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स (एनसी फ्लेक्‍स ई) के उभरते क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने की भारत सरकार की एक पहल है।

• इंटरनेट ऑन थिंग्‍स (आईओटी) पर उत्‍कृष्‍टता के केन्‍द्र इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई), ईआरएनईटी एवं नास्कॉम की एक संयुक्‍त पहल है।

• बड़े उद्योगपतियों की इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स मैन्‍यूफैक्‍चरिंग एवं डिजिटल इंडिया में अरबों डॉलर के निवेश से संबंधित घोषणाएं करने की उम्‍मीद है। इन निवेशों का परिणाम लाखों लोगों के रोजगार के रूप में भी सामने आएगा।

डिजिटल इंडिया सप्‍ताह की शुरूआत से संबंधित समारोह में निम्‍नलिखित उद्योगपतियों के भाग लेने की उम्‍मीद है –

I. श्री सायरस पी. मिस्‍त्री, चेयरमैन, टाटा संस लि.

II. श्री मुकेश डी. अंबानी, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज़ लि.

III. श्री सुनील भारती मित्‍तल, चेयरमैन एवं ग्रुप सीईओ, भारती एंटरप्राइसेज़

IV. श्री कुमारमंगलम बिड़ला, चेयरमैन, आदित्‍य बिड़ला ग्रुप

V. श्री अनिल अंबानी, चेयरमैन, रिलायंस ग्रुप

VI. श्री अनिल अग्रवाल, चेयरमैन, स्‍टरलाइट टेक्‍नोलॉजिज़ लि.

VII. श्री पिंग चेंग, सीईओ, डेल्‍टा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंक

VIII. श्री अजीज प्रेमजी, चेयरमैन, विप्रो लि.

IX. श्री हरि ओम राय, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, लावा इंटरनेशनल लि.

X. श्री पीटर गट्समेल्डल, सीईओ, एयरबस ग्रुप

XI. श्री पवन मुंजाल, हीरो ग्रुप ऑफ कंपनीज़

XII. श्री मीकियो काटायामा, वाइस चेयरमैन, नाइडैक कॉरपोरेशन

2019 तक डिजिटल इंडिया का अनुमानित प्रभाव तक सभी पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्‍टिविटी से लेकर विद्यालयों एवं विश्‍वविद्यालयों में वाई-फाई तथा सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्‍पॉट्स तक पड़ेगा। यह कार्यक्रम भारी संख्‍या में प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष रूप से आईटी, दूरसंचार एवं इलेक्‍ट्रॉनिक्स रोजगारों का सृजन करेगा। इस कार्यक्रम की सफलता भारत को डिजिटल रूप से अधिकार संपन्‍न बनाने तथा स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग आदि विभिन्‍न क्षेत्रों से संबंधित सेवाओं की आपूर्ति में आईटी के उपयोग में अग्रणी बनाएगी।

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