नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्टॉकहोम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने स्वीडन में गर्मजोशी से भरे अपने स्वागत के लिये स्वीडन की सरकार, विशेष रूप से समारोह में उपस्थित स्वीडन के नरेश और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्री स्टीफन लोफवेन को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि भारत आज बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्रीय सरकार सबका साथ – सबका विकास के जनादेश पर चुनी गयी थी। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में उनकी सरकार ने एक विकसित और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि 2022 तक एक नया भारत बनाने के लिये सभी प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसी पहलों के जरिये ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं कि भारत एक बार फिर विश्व के नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरे। उन्होंने कहा कि विश्व भारत की ओर विश्वास के साथ देख रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने मानवीय सहायता एवं बचाव प्रयासों, अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन और महत्वपूर्ण मंचों की सदस्यता जैसे एमटीसीआर, वाज़ेनर समझौते एवं ऑस्ट्रेलिया समूह की सदस्यता मिलने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्व भारत की तकनीकी क्षमता को मान्यता दे रहा है। इसमें अंतरिक्ष कार्यक्रम भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल संरचना के कारण सरकार और नागरिकों के बीच संबंध का तरीका बदल रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक जवाबदेही और पारदर्शिता ला रही है। उन्होंने कहा कि अब सरकार तक पहुंचना विशेषाधिकार नहीं बल्कि व्यवहार हो गया है। इस संदर्भ में उन्होंने फाइलों के शीघ्र निपटारे, व्यापार करने की सुगमता, जीएसटी, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस की उपलब्धता का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना के जरिये उद्यमियों को नये अवसर उपलब्ध हुये हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक मुद्रा योजना के लाभार्थियों में से 74% महिलायें हैं। उन्होंने अटल नवोन्मेष अभियान, स्किल इण्डिया और स्टॉर्ट अप इण्डिया का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नवाचारों को बढ़ावा देने के लिये अंतरराष्ट्रीय भागीदारी भी कायम कर रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने स्वीडन के साथ नवोन्मेष भागीदारी और इजरायल के साथ भी ऐसी ही एक पहल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जीवन को सरल बनाने पर जोर दे रही है। इस संदर्भ में उन्होंने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कदम भारत में एक व्यापक परिवर्तन की ओर संकेतक हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में स्वीडन एवं अन्य नॉर्डिक देशों के साथ भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री ने वहां उपस्थित लोगों से कहा कि उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों को केवल एक भावनात्मक संबंध के रूप में ही सीमित नहीं रहने देना चाहिये। उन्होंने कहा कि उभरता हुआ नया भारत उन्हें नवाचार, व्यापार एवं निवेश के लिये भी अवसर उपलब्ध कराता है।