नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित भारत-इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर इटली के प्रधानमंत्री श्री ज्यूसेपे कॉन्टे भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान भारत-इटली औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास सहयोग कार्यक्रम के अगले चरण का शुभारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से हमारे उद्योग और अनुसंधान संस्थान नवीन उत्पादों को विकसित करने में समर्थ हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी की अहमियत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण, समावेशन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी को एक माध्यम बना दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों तक सेवाओं की कारगर या प्रभावकारी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के नागरिकों में वैज्ञानिक समझ के साथ-साथ तकनीकी समझ विकसित करने पर भी विशेष जोर दे रही है। इस संदर्भ में उन्होंने अटल नवाचार मिशन एवं उमंग एप के साथ-साथ देश भर में फैले तीन लाख साझा सेवा केन्द्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन तकनीकी समाधानों की बदौलत सरकारी सेवाएं नागरिकों के दरवाजे पर पहुंच गई हैं।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उच्च गुणवत्ता के साथ नवाचार का एक सटीक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारत अब इटली सहित कई देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में समर्थ हो गया है और इसके साथ ही यह अत्यंत कम लागत पर अभिनव समाधान (सॉल्यूशन) सृजित करने संबंधी भारत की क्षमता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने ‘लाइफ स्टाइल एक्सेसरीज डिजाइन (एलएडी)’ के क्षेत्र में भारत और इटली के बीच सहयोग बढ़ने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चमड़ा क्षेत्र और ‘परिवहन एवं ऑटोमोबाइल डिजाइन (टीएडी)’ पर विशेष फोकस किया जाएगा।