नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज गुजरात फोरेनसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने विश्वविद्यालय तथा इनके विद्यार्थियों को पथ प्रदर्शक बताया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा एक ऐसा विषय चुनने की सराहना की जो परंपरारिक रूप से गैर-परंपरागत विषय समझा जाता है। लेकिन आज के युग में इस विषय का काफी अधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में आत्मविश्वास और दृढता के इन गुणों से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत फोरेनसिक विज्ञान व्यवस्था होने से नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराध पर नियंत्रण करने में उसी तरह मदद मिलती है जिस तरह कारगर पुलिस बल और कारगर न्यायपालिका से सहायता मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यक्ति के लिए यह भय होना महत्वपूर्ण है कि अपराध करने पर वह पकड़ा जा सकता है। यहां फोरेनसिक विज्ञान का महत्व बढ़ जाता है।
उन्होंने अपराधिक जांच और न्याय के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मानव संसाधन पूल बनाने के लिए गुजरात फोरेनसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से वैश्विक सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री ने साइबर अपराध की चुनौती और फोरेनसिक तथा साइबर फोरेनसिक प्रयोगशाला को मजबूत बनाने की चर्चा की। उन्होंने बीमा उद्योग में भी फोरेनसिक साइंसेज के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने विद्यार्थियों से वैश्विक परिवर्तन के केंद्र में रहने को कहा।
उन्होंने फोरेनसिक विशेषज्ञों से दोषियों को दंडित करने के उद्देश्य से न्यायिक प्रणाली को मदद देने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया आने वाले समय में हम महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों सहित घृणित अपराधों को रोकने में सफल होंगे।
उन्होंने विद्यार्थियों से विश्व को बेहतर बनाने के लिए प्रगतिशील परिवर्तन करने को कहा। उन्होंने विद्यार्थियों की उज्ज्वल भविष्य की कामना की।