नई दिल्ली: प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों जैसे देश के शीर्ष नेतृत्व ने 2019 तक भारत को खुले में शौच जाने से मुक्त करने और स्वच्छ बनाने के लिये आज एक प्रतिबद्धता घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों तथा आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों सहित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों ने आज यहां इंडोसान (इंडिया सेनीटेशन कांफ्रेंस) के दौरान घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, जिलाधिकारियों और नगर निगम आयुक्तों ने भी इसी तरह के एक अन्य घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये।
इंडोसान के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुये शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, “स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब तक का सबसे बड़ा जनांदोलन आकार ले रहा है। भारत स्वच्छता गठबंधन का नेतृत्व जनता कर रही है और पहली बार विभिन्न स्तरों पर राजनीतिक नेतृत्व के साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता गतिविधि को मुख्यधारा में लाया गया है। 21वीं सदी में भारत को अशिक्षा से मुक्त होना ही है और इसके साथ-साथ पढ़े-लिखे लोगों को भी खुले में कचड़ा न फेंकने के लिये शिक्षित करना है।”
श्री नायडू ने कहा कि “मूड ऑफ डेवलपिंग इंडिया” (एमओडीआई) स्वच्छ भारत के लिये पिछले दो वर्षों से गतिशील है। धीमी गति के बाद स्वच्छ भारत अभियान ने पिछले एक वर्ष में अब गति पकड़ ली है तथा ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में उसके कार्यान्वयन की बेहतर प्रगति नजर आ रही है।
मंत्री महोदय ने बताया कि अब तक 405 शहर और नगर खुले में शौच जाने से मुक्त हो चुके हैं तथा अगले वर्ष मार्च तक अन्य 739 और खुले में शौच जाने से मुक्त हो जायेंगे। शहरी इलाकों के 24 लाख घरों में शौचालयों का निर्माण हो चुका है और अन्य 19 लाख शौचालयों का निर्माण हो रहा है। 82,000 शहरी वार्डों में से 20,000 खुले में शौच जाने से मुक्त हो चुके हैं, 90,000 सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय बनाये जा चुके हैं और अन्य 1.29 लाख निर्माणाधीन हैं।
स्वच्छता कार्य के लिये प्रधानमंत्री ने 11 संस्थानों और संगठनों का सम्मान किया। इनमें चंडीगढ़ एवं मैसूर (एक लाख से अधिक आबादी वाले स्वच्छ शहर वर्ग में), गंगटोक (सबसे स्वच्छ पर्यटन गंतव्य), पुणे नगर निगम एवं स्वच्छ सहकारिता समाज (ठोस कचड़ा प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ), रानी की वाव, पाटन, गुजरात (सबसे स्वच्छ सांस्कृतिक धरोहर स्थल), सूरत रेलवे स्टेशन (सबसे स्वच्छ स्टेशन), स्नात्कोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, चंडीगढ़ (सबसे स्वच्छ अस्पताल), मंडी जिला, हिमाचल प्रदेश (खुले में शौच जाने से मुक्त और पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे स्वच्छ जिला), सिंधुगुर्ग जिला, महाराष्ट्र (खुले में शौच जाने से मुक्त और मैदानी क्षेत्रों में सबसे स्वच्छ जिला) तथा नेशनल कैडेट कोर (राष्ट्रव्यापी स्वच्छता गतिविधि में मिसाल) शामिल हैं।