नई दिल्ली: आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से शहरी गरीबों के लिए किफायती मकानों के निर्माण हेतु अति शीघ्र प्रस्ताव पेश करने को कहा है, ताकि परिकल्पना के मुताबिक वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में ‘सभी के लिए मकान’ के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। सचिव (आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन) डॉ. नंदिता चटर्जी ने आज यहां केंद्रीय स्क्रीनिंग और निगरानी समिति की बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से उनके द्वारा किये गये नवीनतम मांग आकलन के मुताबिक ही शीघ्र प्रस्ताव पेश करने का आग्रह किया।
आज उपर्युक्त बैठक के दौरान आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने 2,956.32 करोड़ रुपये के निवेश के साथ तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल में आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के हित में 78,703 किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दी। इन मकानों के निर्माण के लिए 1,180.54 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है।
आज दी गई मंजूरियों के साथ ही पिछले साल जून में लांच की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शहरी गरीबों के हित में कुल स्वीकृत मकानों का आंकड़ा अब 15,48,846 हो गया है। इन मकानों के लिए 21,125.36 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ कुल मिलाकर 82,708 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई है।
मंत्रालय ने आज 1,942.24 करोड़ रुपये के निवेश और 785.04 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ तमिलनाडु में ईडब्ल्यूएस के लिए 52,336 और मकानों को मंजूरी दी।
पश्चिम बंगाल के खाते में आज 861.62 करोड़ रुपये के निवेश एवं 319.27 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 21,285 और मकान आये।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने आज 152.46 करोड़ रुपये के निवेश एवं 76.23 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ केरल में शहरी गरीबों के हित में 5,082 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी।