नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने आज वीडियो ब्रिज के माध्यम से देशभर की आशा कर्मियों, आंगनवाड़ी कर्मियों तथा एएनएम (ऑक्सलियरी नर्स मीड वाईफ) के साथ बातचीत की। उन्होंने एक साथ मिलकर काम करने तथा नवाचारी उपायों और टेक्नॉलोजी का उपयोग करने के लिए तीनों कर्मियों की सराहना की और कहा कि तीनों कर्मी स्वास्थ्य और पोषाहार सेवाएं सुधारने तथा पोषण अभियान – देश में कुपोषण में कमी- के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने जमीन स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान को स्वीकार करते हुए उन्हें मजबूत और स्वस्थ देश बनाने के लिए धन्यवाद दिया। इस महीने पोषण माह मनाया जा रहा है और पोषण माह के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री का यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य देशभर में पोषाहार के संदेश को पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पोषाहार मिशन की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान के झुंझुनू से लांच किए गए पोषण अभियान का लक्ष्य स्टंटिंग, एनीमिया, कुपाषण तथा जन्म के समय कम वजन में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के साथ अधिक से अधिक महिलाओं और बच्चों को जोड़ा जाना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कुपोषण तथा गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पहलुओं पर फोकस किया है। टीकाकरण कार्यक्रम तेजी से प्रगति कर रहे हैं और महिलाओं तथा बच्चों की सहायता कर रहे हैं।
देशभर के स्वास्थ्य कर्मियों और लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। प्रधानमंत्री ने मिशन इंद्रधनुष को कारगर तरीके से लागू करने तथा तीन लाख गर्भवती महिलाओं और 85 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका कवच प्रदान करने में टीम ‘थ्री ए’ – आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कर्मियों के प्रयासों और समर्पण की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान सुरक्षित मातृत्व अभियान के बारे में और अधिक सूचना प्रसारित करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने न्यू बोर्न केयर की सफलता की प्रशंसा की। इससे प्रतिवर्ष देश के 1.25 मिलियन बच्चे लाभान्वित होते हैं। अब इसका नाम ओम बेस्ड चाइल्ड केयर कर दिया गया है जिसके अंतर्गत आशाकर्मी जन्म के पहले 15 महीनों में 11 बार घरों में जाएंगी। इससे पहले जन्म के पहले 42 दिनों में 6 बार जाना पड़ता था।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य और देश के विकास के बीच जुड़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि यदि देश के बच्चे कमजोर हैं तो देश का विकास धीमा रहेगा। किसी भी नवजात के लिए जीवन के प्रथम एक हजार दिन बहुत गंभीर होते हैं। इस दौरान पोष्टिक खानपान और खाने से संबंधित आदतें यह तय करती हैं कि शरीर कैसा होगा, यह पढ़ने लिखने में कैसा होगा और मानसिक रूप से कैसा मजबूत होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि देश का नागरिक स्वस्थ है तो देश का विकास कोई नहीं रोक सकता। इसलिए शुरूआती एक हजार दिनों में देश का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए एक मजबूत व्यवस्था विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शौचालयों के उपयोग से 3 लाख मासूमों की जिंदगी बचाई जा सकती है। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर स्वच्छता के प्रति समर्पण के लिए देशवासियों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत की प्रथम लाभार्थी बेबी करिश्मा की चर्चा की और कहा कि बेबी करिश्मा आयुष्मान बेबी के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि बेबी करिश्मा वैसे 10 करोड़ से अधिक लोगों की आशा की प्रतीक बन गई हैं जो इस महीने की 30 तारीख को रांची में लॉंच किए जाने वाले आयुष्मान भारत कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे।
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा आशाकर्मियों को दी जाने वाली नियमित प्रोत्साहन राशि दोगुनी करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त सभी आशाकर्मियों और उनके सहायकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत नि:शुल्क बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने आंगनवाड़ी कर्मियों को दी जाने वाली मानदेय राशि में वृद्धि की भी घोषणा की। अब जिन्हें तीन हजार रूपये मिल रहा है उन्हें 4500 रूपये मिलेंगे। इसी तरह 2200 रूपये प्राप्त करने वाले लोग अब 3500 रूपये प्राप्त करेंगे। आंगनवाड़ी सहायकों के लिए मानदेय राशि 1500 रूपये से बढ़ाकर 2250 रूपये कर दी गई है।