नई दिल्ली: ‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए लांच किए गए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का उद्देश्य सुरक्षित गर्भावस्था और सुरक्षित प्रसव के जरिए मातृ एवं नवजात शिशु मृत्यु दरों को कम करना है। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के जरिए देश भर में लगभग 3 करोड़ गर्भवती महिलाओं को विशेष मुफ्त प्रसव पूर्व देखभाल मुहैया कराई जाएगी, ताकि उच्च जोखिम वाले गर्भधारण का पता लगाने के साथ-साथ इसकी रोकथाम की जा सके।’ ये बातें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा ने आज यहां प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का शुभारंभ करते हुए कहीं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सचिव (स्वास्थ्य) श्री सी के मिश्रा और भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्री लुइस जॉर्ज आर्सेनॉल्ट भी इस अवसर पर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित थे। आईएमए, एफओजीएसवाई, रोटरी इंटरनेशनल और अन्य विकास भागीदारों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर मौजूद थे।
श्री नड्डा ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत हर महीने 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं को सुनिश्चित, व्यापक एवं उच्च गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल मुहैया कराई जाएगी। श्री नड्डा ने कहा कि गर्भवती महिलाएं अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर अपनी दूसरी या तीसरी तिमाही में स्त्री रोग विशेषज्ञों/चिकित्सकों द्वारा मुहैया कराए जाने वाले विशेष प्रसव पूर्व चेक-अप का लाभ उठा सकती हैं। यह सुविधा निजी क्षेत्र के डॉक्टरों के सहयोग से मुहैया कराई जाएगी, जो सरकारी क्षेत्र के प्रयासों के पूरक के तौर पर उपलब्ध होगा। ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों में चिन्हित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर सामान्य प्रसव पूर्व चेक-अप के अलावा अल्ट्रासाउंड, रक्त और मूत्र परीक्षण सहित इन सेवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका एक उद्देश्य उच्च जोखिम वाले गर्भधारण का पता लगाना और इस दिशा में समुचित कदम उठाना है, ताकि एमएमआर और आईएमआर में कमी संभव हो सके।
श्री नड्डा ने कहा कि निजी चिकित्सक इस कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक सामाजिक आंदोलन का स्वरूप प्रदान करने की जरूरत है, जिसमें निजी क्षेत्र के डॉक्टरों एवं अन्य हितधारकों की सेवाएं ली जाएंगी। श्री नड्डा ने इस कार्यक्रम को अपना समर्थन प्रदान करने के लिए सभी से आग्रह करने हेतु यह शपथ दिलाई कि ‘मैं हर 9 तारीख को सेवा प्रदान करने की शपथ लेता हूं’। स्वास्थ्य मंत्री ने निजी क्षेत्र के डॉक्टरों से सरकारी प्रयासों के पूरक के तौर पर स्वैच्छिक सेवाएं मुहैया कराने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी हितधारकों का इस राष्ट्रीय आंदोलन का एक हिस्सा बनने और मातृ एवं नवजात शिशु मृत्यु दरों में कमी करने की दिशा में समुचित योगदान देने का आह्वान करता हूं।’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में अनेक सूचकांकों के बारे में महत्वपूर्ण प्रगति की है और देश में नवजात शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), कुल प्रजनन दर (टीएफआर) जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकेतकों में पर्याप्त प्रगति की है और देश में पांच मृत्यु दरों के अधीन विश्व की तुलना में तेजी से गिरावट आई है। श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत मंत्रालय का उद्देश्य इसे आगे बढ़ाना और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज में सुधार लाना है।
सभा को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि देश में मातृ मृत्यु दर कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा लक्ष्य उन महिलाओं पर केंद्रित है जिनकी एएनसी जांच नहीं हुई है या बीच में छूट गई है इसलिए पीएमएसएमए क्लीनिक में जाने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को आईएफए और कैल्शियम सप्लीमेंट जैसी जांच और दवाइयों का न्यूनतम पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। निदान और उपचार सेवाओं के अलावा विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले गर्भधारण के मामलों में गर्भवती महिलाओं को परामर्श देना बहुत महत्वपूर्ण है। श्री कुलस्ते ने कहा कि राज्य सरकारों और आईएमए, एफओजीएसआई, लॉयन्स एवं रोटरी क्लब जैसी शीर्ष संकायों के साथ-साथ विकास भागीदारों की मदद इस अभियान को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण है।
इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री सी.के. मिश्रा ने कहा कि देश में मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करने में बहुत प्रगति हुई है। पीएमएसएमए कार्यक्रम इस वादे पर आधारित है कि देश की हर गर्भवती महिला की चिकित्सक द्वारा जांच की जाए और गर्भावस्था के दौरान कम से कम एक बार उचित जांच की जाए और उसके बाद उचित अनुवर्ती कार्रवाई करके इस अभियान के द्वारा रोकी जा सकने वाली अनेक मौतों से बचा जा सकता है।
इस समारोह के दौरान श्री जे. पी. नड्डा ने अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समस्त संचार पैकेज के साथ पीएसएमए वेब पोर्टल और मोबाइल एप का शुभारंभ किया। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. एस. अग्रवाल; एफओजीएसआई की अध्यक्ष डॉ. अलका कृपलानी और एफओजीएसआई, आईएमए और रोटरी इंटरनेशनल के अनेक डॉक्टर भी इस समारोह में उपस्थित थे। एफओजीएसआई और आईएमए ने इस कार्यक्रम में मदद करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।