नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दो नवनिर्मित एक्सप्रेसवे देश के नाम समर्पित किये । इनमें से पहला निज़ामुद्दीन सेतु से दिल्ली- उत्तर प्रदेश सीमा तक विस्तृत 14 लेन वाले अभिगम नियंत्रितदिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का प्रथम चरण है । देश के नाम समर्पित दूसरी परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 पर कुंडली से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 पर पलवल तक विस्तृत 135 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) है ।
एक बार कार्य पूर्ण हो जाने पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे देश की राजधानी से मेरठ जाने में लगने वाले समय एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के अनेक दूसरे भागों में जाने में लगने वाले समय को काफी कम कर देगा ।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के शुभारंभ के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नेराजमार्ग के परीक्षण के लिये कुछ किलोमीटर तक खुली जीप में यात्रा की,नवनिर्मित मार्ग परएकत्रित लोगों ने उनका अभिवादन किया ।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) दिल्ली के लिये अनियत यातायात को मोड़ करराष्ट्रीय राजधानी में भीड़भाड़ एवं प्रदूषण को कम करने के दोहरे लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान देगा ।
इस अवसर पर बागपत में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का समूचाप्रसार जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे दिल्ली में यातायात की भीड़भाड़ कम करने में मददगार होगा । प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के जीनव स्तर को उन्नत बनाने में आधुनिक अवसंरचना की एक महत्वपूर्ण भूमिका है । उन्होंने सड़कों, रेलवे, जलमार्गों इत्यादि समेत ढांचागत व्यवस्था के निर्माण में उठाये जा रहे कदमों का ब्यौरा प्रस्तुत किया । प्रधानमंत्री ने अवसंरचना विकास की गति में वृद्धि के उदाहरण दिये ।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि कैसे स्वच्छ भारत अभियान, एवं उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन महिलाओं के जीवन को आसान बना रहे हैं । उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के अंतर्गत प्रदान 13 करोड़ ऋण में से 75 प्रतिशत से अधिक महिला उद्यमियों को दिये गए हैं।
प्रधानमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये उठाये जा रहे कदमों का उल्लेख भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के केंद्रीय बजट में ग्रामीण एवं कृषि संबंधी अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये 14 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है ।