नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के अवसर पर 25 सितंबर, 2019 को कैरेबियाई देशों के समूह (कैरिकॉम) के नेताओं साथ अलग से बैठक की। इस मुलाकात में कैरेबियाई देशों और भारत के ऐतिहासिक तथा मधुर संबंधों में एक नई गति देखने को मिली। सेंट लूसिया के प्रधानमंत्री एलन चैस्टनेट और कैरिकॉम के वर्तमान अध्यक्ष ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस बैठक में एंटिगुआ और बारबुडा, बारबाडोस, डोमिनिका, जमैका, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद और टोबैगो के शासनाध्यक्षों, सूरीनाम के उपराष्ट्रपति और बहामास, बेलीज, ग्रेनाडा, हैती और गुयाना के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया।
यह क्षेत्रीय स्तर पर कैरिकॉम के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की पहली बैठक थी जिसमें न केवल द्विपक्षीय बल्कि क्षेत्रीय संदर्भ में भी भारत और कैरेबियाई साझेदार देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ और गहरा करने पर प्रकाश डाला गया। पीएम मोदी ने कैरिकॉम के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कैरेबियन देशों के साथ दोस्ती की एक जीवंत और स्थायी कड़ी के रूप में वहां दस लाख से अधिक भारतीय प्रवासियों के मौजूदगी का उल्लेख किया।
बैठक में राजनीतिक और संस्थागत संवाद प्रक्रियाओं को मजबूत करने, आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने, व्यापार और निवेश बढ़ाने तथा दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संपर्क को और व्यापक बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर क्षमता निर्माण, विकास कार्यों में सहायता और आपदा प्रबंधन में कैरिकॉम देशों के साथ भागीदारी पर बल दिया। उन्होंने कैरिकॉम देशों को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी संरचना के लिए गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही कैरेबियाई क्षेत्र और विशेषकर बहामास में तूफान डोरियन से हुई भारी तबाही पर अपनी संवेदना व्यक्त की। भारत ने इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए बहामास के वास्ते एक मिलियन अमरीकी डालर की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कैरिकॉम में सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए 14 मिलियन अमरीकी डालर और सौर, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन संबंधित परियोजनाओं के लिए 150 मिलियन डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की। उन्होंने इन देशों में भारत द्वारा वित्तपोषित केंद्रों को उन्नत करके जॉर्जेट, गयाना में क्षेत्रीय सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र तथा गयाना और बेलीज में क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने की भी घोषणा की। भारतीय पक्ष ने कैरिकॉम देशों की आवश्यकताओं के अनुरूप वहां क्षमता निर्माण पाठ्यक्रमों, प्रशिक्षण तथा भारतीय विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति पर भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने निकट भविष्य में भारत की यात्रा के लिए कैरिकॉम से एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल को भी आमंत्रित किया।
कैरिकॉम नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दोनों पक्षों के बीच जुड़ाव और सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रस्तावित पहल का स्वागत किया और अपनी-अपनी सरकारों की और से इसे पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।इस अवसर पर दोनों पक्षों के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों में तेजी लाने और इसके लिए किए जाने वाले उपायों के लिए एक संयुक्त कार्य बल गठित करने का निर्णय लिया गया।