नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री ट्रूडो के पद ग्रहण करने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में नई ऊर्जा और गतिशीलता आई है। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में संबंधों को आगे बढ़ाने की संभावनाओं पर भी
जोर दिया। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष कनाडा की अपनी यात्रा के दौरान कनाडा के पेंशन कोष प्रमुखों से हुई अपनी मुलाकात का स्मरण करते हुए कहा कि इनमें से कुछ निधियों का अब भारत में निवेश किया जा रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने एनएसएस के रात्रिकालीन भोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के विचारों के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा परमाणु-अप्रसार की दिशा में नेतृत्व संभाल सकते हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अक्षय ऊर्जा की दिशा में भारत के अथक प्रयासों पर भी चर्चा की। उन्होंने स्मार्ट शहरों, शहरी बुनियादी ढांचे और कौशल विकास जैसे उन क्षेत्रों का भी उल्लेख किया जहां कनाडा भविष्य में भारत के साथ मजबूत सहयोग को बढ़ा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में भारत की प्रगतिशील नीति का उल्लेख किया और कोयला गैसीकरण एवं कोयले के भूमिगत खनन के क्षेत्रों में कनाडा से सहयोग की भी अपील की।
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत की यात्रा के लिए प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया।
एनएसएस के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरन से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष श्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा का स्मरण किया और प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध और गहरे एवं मजबूत हो चुके हैं। विचार-विमर्श के दौरान रक्षा सहयोग पर प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया कि ब्रिटेन खासतौर पर रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल में भारत का साझेदार बन सकता है। दोनों नेताओं के बीच वीजा मुद्दों पर भी चर्चा की गई।