नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज “प्रगति”- आईसीटी आधारित “प्रो-एक्टिव प्रशासन और समय पर क्रियान्वयन” के लिए बहुविध मंच- के माध्यम से तेरहवीं बातचीत की अध्यक्षता की।
शुरूआत में प्रधानमंत्री हैंडलिंग और उपभोक्ता शिकायतों के समाधान की दिशा में प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि टिकट और होटल आरक्षण की बुकिंग के रूप में ई-कॉमर्स के क्षेत्र से संबंधित शिकायतों को के बारे में संबंधित अधिकारियों से पूछा और साथ ही इस दिशा में क्या कदम ऐसे मुद्दों को निपयाने के लिए लेए जा रहे हैं उस बारे में भी जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में जो उठाए जा रहे हैं जैसे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन की क्षमता बढ़ाना के बारे में भी सूचित किया। दक्षता बढ़ाने और उपभोक्ता शिकायतों को अधिक प्रभावी ढ़ंग से निवारण के लिए प्रधानमंत्री ने मुद्दों की प्रकृति और जिम्मेदारी तय करने और उनके लिए समाधान की पहचान करने की दिशा में काम करने के लिए अधिकारियों से कहा। उन्होंने साथ में ये भी कहा कि इस पर दस दिनों के भीतर एक प्रभावी कार्य किया जाए।
प्रधानमंत्री ने सड़क, रेलवे, बिजली, कोयला और खनन क्षेत्रों में काम कर रहे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जो कई राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, ओडिशा और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में फैले हुए हैं, की प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने देश भर मे चल रहे सौर पंपों की स्थापना की दिशा में प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पाया गया कि 208 मेगावाट की कुल क्षमता के सौर पंप अब तक देश भर में स्थापित कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ विभिन्न संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया गया कि सौर पंप दूरदराज और नक्सली प्रभावित क्षेत्रों विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के क्षेत्रों में देश के स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं।
बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्यों को संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान, सही ढ़ंग से मॉक ड्रिल का संचालन और बाढ़ राहत तंत्रों को प्रभावकारिता सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया।