नई दिल्ली:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को दालों में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने के लिए देश में दालों के उत्पादन के स्तर को बढ़ाने की किसानों से अपील की है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान, जय किसान’ का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रत्येक किसान से उसकी जमीन के एक हिस्से पर दाल का उत्पादन करने की अपील की।
उन्होंने दाल क्षेत्र के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दाल एक सामान्य व्यक्ति के आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रधानमंत्री झारखंड के बरही में आज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के शिलान्यास के बाद संबोधित कर रहे थे।
श्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत में अविलंब दूसरी हरित क्रान्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसलिए केन्द्र सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पशुपालन और मत्स्य कृषि क्षेत्र के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने झारखंड में दुग्ध क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने झारखंड में आईएआरआई के शिलान्यास समारोह के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि नई दिल्ली के पूसा स्थित आईएआरआई की तर्ज पर झारखंड में दूसरे आईएआरआई की स्थापना वक्त की जरूरत है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड स्थित यह संस्थान वैज्ञानिक तरीके से राज्य में कृषि के क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने में सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि यह संस्थान इस आर्थिक क्षेत्र को एक वैज्ञानिक तरीके से विकसित करने में मददगार होगा। उन्होंने बताया कि 2014-15 के आम बजट में देश में दूसरे आईएआरआई की स्थापना की घोषणा की गई थी और उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया कि उनके नेतृत्व और दिशा-निर्देश के तहत ऐसे संस्थान की स्थापना संभव हो पाई।
2014-15 के आम बजट में इसकी घोषणा के तुरंत बाद कृषि मंत्रालय एवं झारखंड की राज्य सरकार दूसरे आईएआरआई के लिए जमीन की पहचान करने की कार्रवाई में लग गई थी और यह गतिविधि एक वर्ष की अवधि के भीतर पूरी हो गई। कृषि मंत्री ने बताया कि इस प्रकार आईएआरआई के लिए शिलान्यास का काम संभव हो पाया।