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प्रधानमंत्री श्री मोदी का लक्ष्य बदलाव लाकर देश को दुनिया में सिरमौर बनाने का: श्री तोमर

कृषि संबंधितदेश-विदेश

भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि अनुसंधान व शिक्षा विभाग तथा नीति आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय “पोषक-अनाज हितधारक महासम्मेलन” का शुभारंभ आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष 2023 के परिप्रेक्ष्य में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष में किया गया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि देश की जनता ने बरसों बाद श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को ऐसा भारी बहुमत दिया है और यह सिर्फ सरकार चलाने के लिए नहीं, बल्कि देश में बदलाव लाने के लिए बहुमत दिया है। देश बदलता हुआ व आगे बढ़ता हुआ दिखे और देश को दुनिया में सिरमौर बना सकें, यह प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य है, जिसकी प्राप्ति के लिए देश के करोड़ों लोगों को कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाकर योगदान देना है।

     महासम्मेलन से देशभर के लगभग सवा सात सौ कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) में उपस्थित एक लाख किसान व केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों एवं राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की टीमें व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सैकड़ों संस्थानों के वैज्ञानिकगण व कृषि छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में वर्चुअल जुड़े थे। इन सभी स्थानों पर प्रधानमंत्रीजी के जन्मदिन के उपलक्ष में 71 हजार से ज्यादा पौधे रोपे गए। हरेक KVK में कन्याओं को पोषक-अनाज से बने व्यंजन व किसानों को बीजों का वितरण किया गया।

श्री तोमर ने आगे कहा कि पीएम श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में उनके अथक प्रयत्नों से भारत की साख दुनियाभर में बढ़ी है और दुनिया भारत का लोहा मान रही है। एक समय था जब भारत की अनदेखी होती थी लेकिन आज मोदी जी के कारण हमारे देश की स्थिति इतनी सम्मानजनक है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर एजेंडा तय करना हो तो कोई भी मंच भारत की अनदेखी नहीं कर सकता।

श्री तोमर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था- 21वीं सदी भारत की होगी, अब मोदीजी के नेतृत्व में भारत के उत्कर्ष का समय नजदीक है। सभी को मिलकर देश को आगे बढ़ाने का पुरजोर प्रयत्न करना चाहिए, “पहले देश- बाद में मैं”, यह सोच हों। हर व्यक्ति को अपनी पूरी योग्यता, क्षमता व सक्षमता के साथ भारत के नवनिर्माण व आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत, यह केवल नारा नहीं है, बल्कि इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार ठोस योजनाएं बनाकर मिशन मोड में काम कर रही है। इस दृष्टि से विशेष अभियान के अंतर्गत कृषि क्षेत्र की गैप्स भरने के लिए पैकेजों के रूप में डेढ़ लाख करोड़ रूपए से ज्यादा राशि के प्रावधान किए गए हैं। दलहन का उत्पादन प्रधानमंत्री के आव्हान के बाद काफी बढ़ा है। इसके साथ ही तिलहन व आयल पाम के लिए भी मिशन शुरू किया गया है। पूर्वोत्तर सहित तेलंगाना में भी इसकी काफी संभावनाएं है, यहां के किसानों से बात कर, कठिनाइयां समझते हुए प्रधानमंत्री जी मंत्रिपरिषद में निर्णय कर मिशन लाए है। तेलंगाना की धरती इस दृष्टि से उर्वरा है, मिशन से यहां किसानों को फायदा होगा।

श्री तोमर ने कहा कि नई पीढ़ी खेती की ओर प्रवृत्त हो, खेतों में सुविधाएं बढ़े, किसानों को अपनी कृषि उपज बेचने के लिए देशभर में खुला बाजार मिलें, कांट्रेक्ट फार्मिंग के माध्यम से वे महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो और टेक्नालाजी से भी जुड़ सकें, ऐसे पावन उद्देश्यों के साथ नए कृषि सुधार कानून लाए गए हैं। देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने पर केंद्र सरकार 6,850 करोड़ रूपए खर्च करने वाली है, जिससे 86 प्रतिशत छोटे-मंझौले किसानों के जीवन में बदलाव आएगा। किसानों  को वाजिब दाम मिले, उनकी उत्तरोतर प्रगति हो, इसके लिए सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति पोषक-अनाज का महत्व समझे और उसे अपनी थाली का हिस्सा बनाएं। संयुक्त राष्ट्र के समक्ष भारत ने कुपोषण की बात रखी, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया व प्रस्ताव रखा, जिस पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष मनाने का निश्चय किया गया। इस महासम्मेलन के साथ इसकी तैयारियां शुरू हो गई है।

श्री तोमर ने “अनुसंधान सुविधाओं”, “पोषक-अनाज बीज विज्ञान केंद्र”, पोषण केंद्र (न्यूट्री-हब) की “पोषक-अनाज नवोद्यम प्रदर्शनी”, “नवोद्यम/स्टार्टअप सुविधाएं: कदन्न खाद्य प्रसंस्करण एककों” एवं “पोहाकरण श्रंखला” तथा इफको की “पोषण वाटिका” का उद्घाटन व पौधारोपण किया। उन्होंने संस्थान की खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं, व्यवसाय उष्मायन केंद्र व पोषण केंद्र का निरीक्षण एवं प्रक्षेत्र भ्रमण किया। श्री तोमर ने ‘पोषक-अनाज- स्वादिष्ट व्यंजन, स्वाद भी, स्वास्थ्य भी’, ‘100 कदन्न (पोषक-अनाज) नवोद्यमियों की सफल गाथाओं का संकलन’ तथा ‘पोषक-अनाज: किसान उत्पादक संगठनों के जरिये पोषण मूल्य एवं किसानों की आय बढ़ाने हेतु मूल्य श्रंखला का सुदृढ़ीकरण’ नामक तीन प्रकाशनों का विमोचन’ तथा ‘नवोद्यमियों के 8 विविध कदन्न उत्पादों का लोकार्पण’ किया।

कार्यक्रम में उत्तम-उभरते एफपीओ के लिए हलचलित महिला किसान वुमेन प्रोड्यूसर कंपनी लि. मध्य प्रदेश, उत्तम मिलेट नवोद्यमियों हेतु इन्नरबिइंग वेलनेस प्राइवेट लि. एवं फाउंडेशन हेल्थ फूड्स प्रा.लि., तेलंगाना, उत्तम प्रदर्शन करने वाले राज्य हेतु ओडिशा मिलेट मिशन तथा कदन्नों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए उत्तम एकीकृत मूल्य श्रंखला हेतु श्रेस्टा नेचुरल बायोप्रोडक्ट्स प्रा.लि., तेलंगाना को पोषक-अनाज पुरस्कार प्रदान किए गए। श्री तोमर की उपस्थिति में भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान ने एपीडा, एनआरएलएम, टीसीपीएल, हेरिटेज फूड्स के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे व श्री कैलाश चौधरी, तेलंगाना के कृषि, सहकारिता एवं विपणन मंत्री श्री सिंगीरेड्डी निरंजन रेड्डी इफको के अध्यक्ष डॉ. यू एस अवस्थी, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. शेखर सी. मांडे केंद्रीय कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र, अपर सचिव श्री अभिलक्ष लिखी, कृषि आयुक्त डॉ. एस.के. मल्होत्रा, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान) डॉ. तिलक राज शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. विलास ए. टोणपि ने आभार माना। महासम्मेलन में विभिन्न सत्रों में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।

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