नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विद्युत, नवीकरणीय ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कोयला और खनन क्षेत्र में प्रमुख आधारभूत ढांचे की समीक्षा की। दो घंटे से अधिक चली बैठक में आधारभूत ढांचे से जुडे मंत्रालयो, नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रमुख अधिकारियो ने भाग लिया
बैठक के दौरान नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि देश में स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 344 गीगा वॉट के स्तर पर पंहुच गई है। देश में ऊर्जा की कमी जो वर्ष 2014 में 4 प्रतिशत से अधिक थी वो वर्ष 2018 में घटकर 1 प्रतिशत से कम रह गई है। प्रसार लाइनो, ट्रांसफार्मर क्षमता और अंतर-क्षेत्रीय प्रेषण में अहम क्षमता वृद्दि हुई है। विश्व बैंक के “इज आफ गेटिंग इलेक्ट्रिसिटी” सूचकांक में आज भारत 26 वें स्थान पर है, जबकि 2014 में भारत 99वें स्थान पर था। बैठक के दौरान सौभाग्य योजना के अंतर्गत घरेलू विद्युतीकरण में प्रगति की समीक्षा भी की गई। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में हर उपभोक्ता तक संपर्क और वितरण पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 की 35.5 गीगा वॉट की स्थापित क्षमता को दोगुना कर 70 गीगा वॉट किया गया है। इसी अवधि के दौरान देश में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 2.6 गीगा वॉट से बढ़कर 22 गीगावॉट हो गई है। बैठक के दौरान अधिकारियो ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक 175 गीगा वॉट नवीकरण ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति विश्वास व्यक्त किया।
बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियो से सौर ऊर्जा क्षमता में वृद्धि का लाभ किसानो तक पहुंचे,ये सुनिश्चित करने के लिए कहा।प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए प्रभावी कदम जैसे सौर पंप और उपभोक्ता अनुकुल सौर ऊर्जा खाना बनाने के साधन का प्रयोग किया जा सकता है। बैठक के अधिकारियो ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य प्राप्त होगें। बैठक के दौरान कोयला क्षेत्र में उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।