केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने सीमावर्ती गांव लोंगवा के ग्रामीणों और ग्राम परिषद के सदस्य के साथ बातचीत करते हुए कहा, “मैं दिल्ली में आपका दोस्त, साथी और सहयोगी हूं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की टीम इंडिया दूरदराज के शहरों, कस्बों और लोंगवा जैसे गांवों के विकास के लिए राज्य और स्थानीय सरकारों के साथ मिलकर निरंतर कार्य कर रही है।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने मौजूदा तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत नगालैंड के जिला सिविल अस्पताल का दौरा कर की। उन्होंने डॉक्टरों और अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की, जिन्होंने जिले में कोविड महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने लगभग 292 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता से सीमावर्ती जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए 350 करोड़ रुपये की मेडिकल कॉलेज परियोजना को मंजूरी दी है।
इस दौरे के अवसर पर राज्यसभा सदस्य श्रीमती एस. फांगनोन कोन्याक, विधायक श्री महोनलुमो किकॉन, उद्योग एवं वाणिज्य, श्रम एवं रोजगार, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय में सलाहकार सलाहकार श्री नतिबा जमीर, पार्टी कार्यकर्ता और जिला प्रशासन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारी श्री चंद्रशेखर के साथ थे।
इसके बाद श्री चंद्रशेखर ने लोंगवा गांव की यात्रा की, जो मोन जिले के सबसे बड़े गांवों में से एक है तथा म्यांमार एवं भारत दोनों की सीमा तक फैला है। लोंगवा ग्राम परिषद के सदस्यों ने अध्यक्ष श्री अमाओ अंग, उपाध्यक्ष श्री सी. नोकलेम कोन्याक और एस. योना पादरी के नेतृत्व में श्री चंद्रशेखर का गर्मजोशी से स्वागत किया व उन्हें आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की टीम इंडिया शहरों, कस्बों और लोंगवा जैसे दूरदराज के गांवों के विकास के लिए स्थानीय स्वशासन राज्य और राज्य के साथ मिलकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने उपस्थित लोगों के साथ खुद को जोड़ते हुए कहा- “मैं दिल्ली में आपका सहयोगी, साथी और दोस्त हूं।”
इसके बाद श्री चंद्रशेखर ने स्थानीय ग्रामीणों, समर्थकों, पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से अवगत कराया, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत के आर्थिक विकास के एक इंजन के रूप में बदलना और दूरदराज के शहरों, कस्बों व गांवों के विकास के लिए काम करना है, जो अब तक उपेक्षित और वंचित रहे हैं।
श्री चंद्रशेखर ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला प्रशासन मोन के अन्य प्रमुख अधिकारियों के साथ जिले की विकास और कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सरकार की प्रमुख योजनाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया ताकि हर लाभार्थी को सभी लाभ उपलब्ध हों और कोई भी पीछे न छूटे। उन्होंने अधिकारियों से स्थानीय कौशल और बाजार का मानचित्रण कर एक विस्तृत जिला कौशल विकास योजना तैयार करने को भी कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर अधिक रोजगार सृजित करने और युवाओं के लिए उद्यमिता के अवसरों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाना चाहिए।
श्री चंद्रशेखर ने राज्यसभा सांसद, विधायकों और जिला प्रशासन मोन के अधिकारियों के साथ असम राइफल्स द्वारा संचालित लोंगवा की अग्रिम सीमा चौकी का दौरा किया। श्री चंद्रशेखर ने भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए वर्दीधारी जवानों द्वारा की जा रही कड़ी मेहनत को स्वीकार किया और उन सभी का सम्मानपूर्वक अभिवादन किया। उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद किया जब वे नगालैंड सहित देशभर में फैली छावनियों और वायुसेना स्टेशनों में बड़े हुए थे, क्योंकि उनके पिता वायुसेना में थे।
इसके बाद श्री चंद्रशेखर ने दीमापुर के लिए उड़ान भरी, जहां उन्होंने सोविमा गांव में पारंपरिक और विरासत स्थलों को देखा। उन्होंने युवाओं, प्रशिक्षकों और छात्रों के साथ बातचीत की और स्किल इंडिया में सामान्य रूप से भारत के युवाओं व विशेष रूप से नगालैंड और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए जबरदस्त अवसरों के बारे में चर्चा की। उन्होंने बांस कारीगरों और बुनकरों के लिए प्रायोगिक परियोजनाओं की सफलता के बारे में चर्चा की, जिनका संकल्प उनके द्वारा सितंबर में उनके पिछले दौरे के समय किया गया था और औपचारिक रूप से उसी वर्ष दिसंबर में तीन महीने के भीतर उद्घाटन किया गया था। परियोजना के तहत लक्षित 4100 कारीगरों को सफलतापूर्वक इकट्ठा किया गया है और 3000 से अधिक कारीगरों को पंजीकृत किया है और 100 बैच तैयार किए गए हैं। समर्पित और लक्षित प्रायोगिक परियोजना स्थानीय रोजगार सृजन और उद्यमिता के अवसरों को बढ़ावा दे रही है।
श्री चंद्रशेखर ने दिन भर कई बैठकों और दौरे के बाद, दीमापुर में ही आकांक्षी जिला किफिर के जिला प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, क्योंकि खराब मौसम के कारण किफिर की यात्रा की अनुमति नहीं मिली थी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को साझा किया, जिसका उद्देश्य एक केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से आकांक्षी जिलों में विकास को उत्प्रेरित करना, समग्र सरकार का लाभ उठाना और उन्हें अन्य जिलों के अनुकरण के लिए आकर्षक मॉडल के रूप में परिवर्तित करना है।