नई दिल्ली: महिला सशक्तिकरण देश की ऊर्जा अर्थव्यवस्था से गहरे रूप से जुड़ा है। यह लक्ष्य सम्पूर्ण ऊर्जा श्रृंखला में निवेश को प्रोत्साहन दे रहा है। देश की गरीब महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना(पीएमयूवाई) की शुरूआत की है। इससे महिलाओं को खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन प्राप्त होगा। इस योजना की शुरूआत एक सामाजिक आंदोलन के रूप में की गई है। इससे सामाजिक परिवर्तन होगा और महिलाओं का सशक्तिकरण होगा।
पीएमयूवाई ने आज एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उज्जवला परिवार में 7 करोड़वां लाभार्थी शामिल हुआ है। उज्जवला योजना से महिलाओं को धुंआ रहित वातावरण में भोजन पकाने की सुविधा मिली है। इससे उनका स्वास्थ्य बेहतर हुआ है और ईंधन संग्रह करने में लगने वाले समय की बचत हुई है। इस समय का उपयोग महिलाएं अपनी आय बढ़ाने और सामाजिक कार्यों के लिए कर सकती हैं।
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री एलपीजी पंयायतों की शुरूआत की गई है। इसमें उज्जवला लाभार्थियों को एलपीजी के सुरक्षित और सतत उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पूरे देश में 87,876 एलपीजी पंचायतों का आयोजन किया गया है।
उज्जवला दीदी के नाम से एक पहल की शुरूआत हुई है। इसमें 10,000 महिलाओं को लोगों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। ये महिलाएं मुख्य रूप से तीन संदेश देगीं-1 स्वच्छ घरेलू ईंधन सर्वत्र उपलब्ध है, 2-स्वच्छ घरेलू ईंधन किफायती है, 3-एलपीजी सुरक्षित है और बीमाकृत है। उज्जवला दीदी एलपीजी सुरक्षा से सम्बन्धित किसी भी समस्या को दूर करेंगीं और नए कनेक्शन की सुविधाएं देंगीं। इस प्रकार उज्जवला दीदी अपनी पंचायत में महिलाओं के सशक्तिकरण में भूमिका निभाएंगीं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय महिलाओं को प्रोत्साहित करने में सदा आगे रहा है। मंत्रालय ने महिलाओं को नेतृत्व भूमिकाएं सौंपी हैं। लद्दाख के फेह में इंडेन का एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र है। यह संयंत्र विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई(11800 फुट) पर स्थित संयंत्र है। इस संयंत्र के संचालन में 11 साहसी महिलाएं प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
बेहतर स्वच्छता कवरेज के लिए मंत्रालय ने सभी पेट्रोल पम्पों पर महिला व पुरूष के लिए पृथक-पृथक जन सुविधाओं के निर्माणकी कार्य योजना तैयार की है। 37000 पेट्रोल पम्पों पर ये सुविधाएं मौजूद हैं।
स्कूलों में लड़कियों के लिए पृथक शौचालय नहीं होने के कारण छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती हैं। स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत तेल विपणन कम्पनियों ने 20187 स्कूल शौचालयों का निर्माण किया है। 5 लाख छात्राएं इनका उपयोग करती हैं। 95 प्रतिशत शौचालय ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित किए गए हैं।
महिलाओं के महत्व और समाज के प्रति उनके योगदान को देखते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय पूरे देश की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक समानता के लिए प्रतिबद्ध है।