नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आज उत्तर प्रदेश में संत कबीर नगर जिले के मगहर पहुंचे और महान संत एवं कवि कबीर दास की 500वीं पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने संत कबीर समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और संत कबीर मजार पर चादर चढ़ाई। प्रधानमंत्री ने संत कबीर गुफा का भी दर्शन किए और संत कबीर अकादमी की आधारशिला की पहचान के रूप में एक पट्टिका का अनावरण किया। संत कबीर अकादमी महान संत के उपदेशों और विचारों को फैलाने पर जोर देगा।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्ला और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी भी मौजूद थे।
इस मौके पर एक जन सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मगहर की पवित्र भूमि पर महान संत कबीर को श्रद्धांजलि अर्पित करते ही मेरी वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो गई, यह वह जगह है, जहां संत कबीर, गुरू नानक और बाबा गोरखनाथ ने आध्यात्मिक चर्चा की थी।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 24 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला संत कबीर अकादमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय भाषाओं और लोक कलाओं के साथ ही संत कबीर की महान विरासत का संरक्षण करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संत कबीर भारत की आत्मा के सार का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि संत कबीर ने जाति के बंधनों का तोड़ा और आमजन की भाषा में अपनी बातें रखी। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि संत कबीर के उपदेश नये भारत के दृष्टि को आकार देने में मदद करेंगे।
संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि संत कबीर का जीवन, शब्द एवं कर्म ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दर्शन की तर्ज पर है। उन्होंने कहा कि संत कबीर की अतुलनीय विरासत ने समाज के सभी तबकों को एकजुट किया है और हम उनकी शिक्षाओं में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संदेश को आसानी से ग्रहण कर सकते हैं। उन्हें यह भी कहा कि संस्कृति मंत्रालय उन महान पुरुषों के जीवन और कर्मों पर अनेक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है जिन्होंने भारत को एक महान राष्ट्र बनाया है।
संत कबीर के साहित्य की महिमा पेश करने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा दो दिवसीय महोत्सव आयोजित किया गया है। इसके तहत संगीतमय थियेटर प्रदर्शन के साथ विभिन्न लोक संगीत एवं नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनमें देश भर के कलाकार भाग ले रहे हैं।
महोत्सव के पहले दिन आयोजित मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने श्री भेरू सिंह चौहान और भारती बंधु द्वारा कबीर पर पेश किए गए मालवी लोक संगीत और भजन कार्यक्रम को देखा।
इस दो दिवसीय महोत्सव का समापन कल होगा। कल स्थानीय समूहों द्वारा भी अपने-अपने कार्यक्रम पेश किए जायेंगे।