लखनऊ: जल संरक्षण और नदियों के पुनरुद्धार के लिए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रयासों की सराहना अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। कोरिया गणराज्य की राजधानी सियोल में पिछले दिनों सम्पन्न अन्तर्राष्ट्रीय वॉटर सेमिनार में श्री यादव को इस सम्बन्ध में ‘प्लेक ऑफ एप्रीसिएशन‘ ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। अपनी व्यस्तताओं के कारण मुख्यमंत्री श्री यादव इस आयोजन में शामिल नहीं हो सके थे। कार्यक्रम में शिरकत कर रहे प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल ने मुख्यमंत्री की ओर से यह सम्मान प्राप्त किया था, जिसे उन्होंने आज यहां मुख्यमंत्री को सौंपा।
इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि नदियां जीवन के लिए जरूरी हैं। नदियों के सूखने या समाप्त होने के साथ ही जीवन के सामने भी संकट उपस्थित हो जाएगा। आने वाली पीढ़ी को बेहतर जीवन और पर्यावरण देने के लिए हमें अपनी नदियों का ध्यान देना होगा। प्रदेश की समाजवादी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने ‘क्लीन यूपी, ग्रीन यूपी’ अभियान संचालित कर रही है ताकि पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नदियों के पुनर्जीवन/पुनरुद्धार तथा सौन्दर्यीकरण के प्रयासों की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। उन्होंने लखनऊ में गोमती नदी रिवरफ्रन्ट परियोजना को एक महत्वपूर्ण परियोजना बताते हुए कहा कि इसके तहत 9-10 महीनों में जितना कार्य हुआ है, उतना कार्य मलेशिया और सिंगापुर की परियोजनाओं में 3-4 साल के दौरान कराया गया था। इसके अलावा, प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से वृन्दावन में यमुना, वाराणसी में वरुणा तथा अयोध्या में सरयू नदी की साफ-सफाई और सौन्दर्यीकरण कराने का काम भी कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार गोमती नदी के अलावा सैंगर, अनैया, चन्द्रावल, अखेरी तथा हिण्डन नदियों को भी पुनर्जीवित करने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है, ताकि इन नदियों को इनके प्राकृतिक स्वरूप में लाया जा सके। नदियों का संरक्षण आर्थिक रूप से एक बड़ा काम है, लेकिन इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। समाजवादी सरकार के प्रयासों से फतेहपुर जनपद में ससुर खदेरी नदी को पुनर्जीवित किया गया है।
जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि श्री यादव की शुद्ध और बेहतर पर्यावरण तथा जल संरक्षण के प्रति जागरूकता सराहनीय है। श्री यादव ने राज्य में नदियों की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़कर हर सम्भव मदद करने की कोशिश की है। बेहतर पर्यावरण के प्रति उनकी स्वयं की प्रतिबद्धता के चलते राज्य में नदियों और तालाबों के पुनर्जीवन के प्रयास काफी सफल साबित हुए हैं।
ज्ञातव्य है कि अन्तर्राष्ट्रीय वॉटर सेमिनार का आयोजन विगत दिनों कोरियाई सरकार की संस्थाओं कोरिया रूरल रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट इंस्टीट्यूट एवं कोरिया वॉटर रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया था। श्री यादव को इस सेमिनार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, किन्तु पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की व्यस्तता के कारण श्री यादव इसमें शामिल नहीं हो पाये थे।