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बजट में किसानों, श्रमिकों, गरीबों, माहिलाओं को प्राथमिकता: सत्यदेव पचैरी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निर्यात प्रोत्साहन, रेशम, वस्त्रोद्योग तथा खादी ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज विधान भवन में प्रस्तुत आगामी वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट की प्रसंशा करते हुए कहा कि यह बजट गांव, गरीब, किसान तथा महिलाओं के उत्थान का बजट है। उन्होंने कहा कि 04 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये का जो बजट प्रस्तुत किया गया, वह पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।

श्री पचैरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल द्वारा तैयार किये गये बजट की सराहना करते हुए कहा कि बजट में उत्तर प्रदेश के विकास को अत्याधुनिक परिवेश में विकसित करने पर विशेष बल दिया गया है। वास्तव में यह बजट विकासोन्नमुखी, रोजगारोन्मुखी तथा जनोन्नमुखी है। इसे सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

            श्री पचैरी ने कहा कि बजट में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए एक जनपद एक उत्पाद योजना हेतु 250 करोड़ रुपये, युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 100 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही परंपरागत कारीगरों-बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, नाई, मोची तथा राजमिस्त्री के उत्थान के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की गई है, जिसके लिये 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2017 के क्रियान्वयन हेतु 10 करोड़ रुपये का बजट में प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। इसके अन्तर्गत पाॅवरलूम बुनकरों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराये जाने हेतु 150 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमेंट उद्योग के विकास हेतु 50 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।

      खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने खादी एवं कुटीर उद्योग के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में इन योजनाओं को और अधिक सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। प्रदेश में मिट्टी के कार्य करने वाले शिल्पियों के परम्परागत व्यवसाय को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं सवंर्द्धित करने हेतु उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है। माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम के संचालन हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

श्री पचैरी ने बजट मंे प्रस्तावित विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों की प्रसंशा करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने महिला एवं बाल कल्याण की योजनाओं पर विशेष बल दिया है। महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से कन्या सुमंगला नाम से नई योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निराश्रित विधाओं के भरण पोषण और उनके बच्चों की शिक्षा के लिए 1410 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को मानदेय के भुगतान हेतु 1988 करोड़ रुपये, किशोरी बालिका योजना के लिए 156 करोड़ रुपये, महिला सम्मान कोष के लिए 103 करोड़ 70 लाख रुपये तथा नेशनल न्यूट्रिशन मिशन हेतु 335 करोड़ रुपये और सबरी संकल्प अभियान को गति देने के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट में प्राविधान किया गया है।

      लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के तहत विभिन्न वर्गों के निर्धन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु कुल 4,433 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है। वृद्धावस्था तथा किसान पेंशन योजना के अंतर्गत 2,579 करोड़ रुपये की व्यवस्था बनाई गई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 250 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।

      श्री पचैरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पर्यटन के विकास को प्रमुखता दी है। इसके तहत उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 125 करोड़ रुपये, अयोध्या के प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास हेतु 101 करोड़ रुपये तथा गढ़ मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थलों के समग्र विकास हेतु 27 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।

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