लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खुले में शौच को रोकने के उद्देश्य से घरों में शौचालय (इज्जत घर) के निर्माण को प्राथमिकता दी गई। ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का उत्तर प्रदेश में सफल क्रियान्वयन इसलिए आवश्यक है, क्योंकि देश की बड़ी आबादी इस प्रदेश में रहती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से इस अभियान का शुभारम्भ इसे पूरे देश में सफल बनाने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां लोक भवन में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 एवं वृहद स्वच्छता अभियान के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 02 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की थी, तो यह सबके लिए कौतूहल का विषय था। लेकिन समय बीतने के साथ लोगों को इसकी अहमियत समझ में आयी और आज पूरा देश इस अभियान को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा कि इसके तहत सामान्य साफ-सफाई पर फोकस किया जा रहा है, ताकि पूरे देश के गांव, ब्लाॅक, तहसील और नगर साफ बनें और गंदगी के कारण फैलने वाली बीमारियों से लोगों को मुक्ति मिले।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्ता सम्भालने के उपरान्त जब इस अभियान को लागू किया गया, तब काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। तब इस अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण कार्य काफी धीमा था। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान पूरे प्रदेश में 1.03 करोड़ शौचालय निर्मित कराए गए हैं। लाभार्थी द्वारा शौचालय निर्माण कराए जाने पर सरकार द्वारा 12 हजार रुपए की मदद दी जाती है। इसके अलावा, मनरेगा तथा सी0एस0आर0 के तहत भी सहयोग लेकर शौचालय निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह महज एक सरकारी अभियान न होकर, बल्कि एक जनान्दोलन है। साफ-सफाई सुनिश्चित करने से समाज रोग रहित बनकर प्रगति करते हुए समृद्ध होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अशुद्ध पेयजल, खुले में पड़े मल, गंदे वातावरण एवं अस्वच्छता सम्बन्धी आदतों के कारण अनेक गम्भीर रोग होते हैं। इन बीमारियों में पोलियो, काॅलरा, टाइफाॅइड, डायरिया आदि जल-जनित घातक जानलेवा बीमारियों के अलावा जापानी इंसेफलाइटिस और ए0ई0एस0 जैसी जानलेवा बीमारियां भी शामिल हैं। इन बीमारियों से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है, जिसमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या सर्वाधिक होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से जुड़ी परम्परागत जीवनशैली के कारण वातावरण प्रदूषित होता है। यह प्रदूषित वातावरण बीमारियों का कारण बनकर जन जीवन को प्रभावित करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ देश और प्रदेश दोनों सरकारों की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है। राज्य सरकार द्वारा 02 अक्टूबर, 2018 तक पूरे प्रदेश को ओ0डी0एफ0 (खुले में शौच से मुक्त) घोषित करने का लक्ष्य पूर्व में निर्धारित किया जा चुका है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा निरन्तर कार्य करके बड़ी संख्या में व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है, किन्तु अभी भी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बहुत कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए इसे जनान्दोलन के रूप में संचालित किए जाने की आवश्यकता है। जिससे साफ-सफाई के प्रति ग्रामीण समाज में व्यवहार परिवर्तन लाया जा सके तथा उन्हें शौचालयों के निर्माण के उपरान्त उनके प्रयोग के लिए भी प्रेरित किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी मंत्रिगण, सांसदगण, विधायकगण तथा अन्य जनप्रतिनिधियों को सकारात्मक भूमिका निभानी पड़ेगी, क्योंकि इन सभी का जनसमुदाय पर अच्छा प्रभाव होता है। साथ ही, अभियान के उद्देश्यों के प्रति जन जागरूकता तथा जनसहभागिता के लिए सभी प्रकार की मीडिया का सहयोग भी आवश्यक है। देश और समाज हित में सभी को अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान देना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत आज यहां स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 (स्वच्छ ग्राम-स्वच्छ जिला) तथा वृहद स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया जा रहा है। केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार 01 अगस्त से 30 अगस्त, 2018 तक स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 (स्वच्छ ग्राम-स्वच्छ जिला) आयोजित किया जा रहा है। यह स्वच्छता के क्षेत्र में ग्रामीण परिवेश में आयोजित किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। सर्वेक्षण का कार्य एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 750 गांवों, 3759 सार्वजनिक स्थलों का संख्यात्मक एवं गुणात्मक आकलन कर जनपदों की रैंकिंग की जाएगी। यह सर्वेक्षण कोई साधारण सर्वेक्षण नहीं है, बल्कि विशिष्ट सैम्पलिंग प्रक्रिया पर आधारित होगा। इसके अंतर्गत प्रत्यक्ष निरीक्षण, नागरिकों का फीडबैक तथा सर्विस लेवेल प्रगति का मानक रखा गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्यक्ष निरीक्षण के अंतर्गत विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हाट-बाजार, धार्मिक स्थल सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों का निरीक्षण किया जाएगा। जिसमें शौचालय की उपलब्धता, उनका उपयोग, कूड़ा-करकट की स्थिति, गांवों में जल भराव की स्थिति आदि के आधार पर आकलन किया जाएगा। नागरिकों के फीडबैक में पंचायत की बैठक में विचार-विमर्श, सामान्य नागरिकों से फीडबैक, प्रबुद्धजन से फीडबैक, आॅनलाइन फीडबैक के आधार पर आकलन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सर्विस लेवेल प्रगति के अंतर्गत जनपद में स्वच्छता आच्छादन का प्रतिशत, ओ0डी0एफ0 ग्रामों का प्रतिशत, स्वच्छ भारत मिशन में एसेट्स की जियो टैगिंग, अक्रियाशील शौचालयों का क्रियाशील में परिवर्तन, सत्यापित ओ0डी0एफ0 ग्रामों के प्रतिशत के आधार पर आकलन किया जाएगा। सर्वेक्षण के उपरान्त तैयार की जाने वाली रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले जनपदों को 02 अक्टूबर, 2018 को गांधी जयन्ती के राष्ट्रीय पर्व पर सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य जनपदों की स्वच्छता के मूलभूत मानकों पर रैंकिंग, स्वच्छता कार्यक्रम में ग्रामीण सहभागिता, प्रचार-प्रसार, स्वच्छ रहने की आदतों में सुधार हेतु प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना तथा, विद्यालयों, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्र, हाट-बाजार, धार्मिक स्थलों में स्वच्छता में प्रगति एवं लोगों की प्रतिक्रिया प्राप्त कर स्वच्छता कार्यक्रम का क्रियान्वयन करना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 हेतु तैयारियों के लिए वृहद स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ भी आज किया गया है। यह अभियान 25 जुलाई से 25 अगस्त, 2018 तक आयोजित किया जाएगा। इसके अंतर्गत समस्त जनपदों के प्रत्येक ग्राम में एक वृहद स्वच्छता अभियान का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारियों और सम्बन्धित विभागों को इस अभियान मंे व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए इसे जनान्दोलन के रूप में चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान में जन-जन को जोड़ा जाए तथा प्रत्येक स्तर पर जनप्रतिनिधियों तथा समाज के विभिन्न वर्गों जैसे, सिविल सोसाइटी, स्वैच्छिक संस्थाओं, विद्यालयों, उद्योगों एवं व्यवसायों से सम्बन्धित व्यक्तियों को सक्रियता से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस अभियान को संचालित करने में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 के मानकों पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे चयनित ग्रामों और जनपदों को अधिकतम अंक और अच्छी रैंकिंग प्राप्त हो। इस अभियान की समीक्षा नियमित रूप से राज्य, मण्डल एवं जनपद स्तर पर सुनिश्चित की जाए। सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी प्रत्येक सप्ताह अभियान की गहन समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मण्डलीय एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा ग्रामों का सघन निरीक्षण कर उन्हें अधिक से अधिक अंक दिलाने के लिए समुचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएं। प्रदेश सरकार स्वच्छता एवं स्वास्थ्य मानकों को दुरुस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए आवश्यक है कि स्वच्छ भारत अभियान को समुचित ढंग से लागू कर जनसामान्य को साफ-सफाई की आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए।
पंचायतीराज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता सचिव श्री परमेश्वरम अय्यर तथा अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास श्री राजेन्द्र तिवारी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्रीगण डाॅ0 दिनेश शर्मा एवं श्री केशव प्रसाद मौर्य, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने एक छोटी और एक बड़ी पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता पर केन्द्रित 02 मिनट की शाॅर्ट फिल्म का प्रदर्शन करने के साथ-साथ एक रेडियो जिन्गल भी रिलीज़ किया गया।