देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को बीजापुर अतिथि गृह में कारागार विभाग की समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि जेलों के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाय।
उन्होंने कहा कि कारागार विभाग में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाय। बंदी रक्षक के रिक्त 300 पदों पर शीघ्र भर्ती की जाय। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये कि पुलिस विभाग से 6 सब इंस्पेक्टर और 50 कांस्टेबल प्रतिनियुक्ति आधार पर कारागार विभाग में तैनात किये जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों के आधुनिकीकरण पर विशेष फोकस किया जाय। जेलों पर कैदियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए हरिद्वार, रूड़की और सितारगंज जेलों में एक-एक बैरक का निर्माण शीघ्र किया जाय, जिसके लिए सप्लीमेंट बजट में धनराशि उपलब्ध करा दी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में कैदियों को दिये जाने वाले भोजन में मंडुवा, झंगोरा व गहत की दाल को भी शामिल किया जाय। जेलों में कैदियों के सिस्टमैटिक रिफार्म पर फोकस किया जाय। जेलों में कैदियों के दक्षता विकास व शिक्षा पर ध्यान दिया जाय। कैदियों को उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाय और हो सके तो कैदियों के स्वयं सहायता समूह बनाये जाय। इन समूहों द्वारा उत्पादित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जाय। राज्य व दिल्ली में आयोजित होने वाले मेलों में भी स्टाॅल उपलब्ध कराये जाय। साथ ही जेल में प्रयोग की जाने वाली सरकारी सामग्री के क्रय में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के क्रय को वरीयता दी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में जो कैदी अशिक्षित है, उनको शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जेलों की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना तैयार की जाय। जेलों में क्लोज सर्किट टी.वी., मोबाइल फोन जैमर, मैटल डिटेक्टर, डोर फ्रेम मैटल डिटेक्टर, बायो मैट्रिक सिस्टम आदि लगाये जाय। जेलो में बीमार बन्दियों को अस्पताल ले जाने व लाने हेतु एम्बुलेस की व्यवस्था की जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह मनीषा पंवार, सचिव मुख्यमंत्री मो. शाहिद, प्रभारी सचिव विनोद शर्मा, आई.जी. कारागार पी.वी.के.प्रसाद सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।